विरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती ने इंस्टाग्राम प्रोफाइल प्राइवेट की: तलाक की अफवाहें बनी चर्चा का केंद्र

जन॰, 24 2025

विरेंद्र सहवाग और आरती अहलावत के बीच तलाक की खबरों का क्या है सच?

पूर्व भारतीय क्रिकेटर विरेंद्र सहवाग और उनकी पत्नी आरती अहलावत के बीच तलाक की अफवाहें इन दिनों सुर्खियों में हैं। दोनों के बीच शादी के 20 वर्षों के बाद संबंधों में आ रही दूरियों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 2004 में एक पारिवारिक समारोह में शादी के बंधन में बंधे इस जोड़े ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक-दूसरे को अनफॉलो कर सभी को चौंका दिया। यह एक संकेत माना जा रहा है कि दोनों के बीच कुछ सही नहीं चल रहा है। आरती द्वारा अपनी इंस्टाग्राम प्रोफाइल को प्राइवेट कर लेना इसको और बल देता है।

क्या असल कारण है इन अटकलों का?

हालांकि, सहवाग और आरती की ओर से आधिकारिक तौर पर इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है। ऐसे में लोगों की नजर उन पर लगी हुई है कि आखिर असल वजह क्या है। कुछ नजदीकी सूत्रों के मुताबिक, यह जोड़ा पिछले कुछ महीनों से अलग रहने का फैसला कर चुका है। यहां तक कि सहवाग ने कथित तौर पर तलाक का केस फाइल करने की सोच भी ली है।

सोशल मीडिया पर हुई गतिविधियों से गरमा गई चर्चा

आरती और सहवाग के बीच संबंधों में हो रहे बदलाव को सबसे ज्यादा चर्चा तब मिली जब सहवाग ने दिवाली पर अपने बेटों और मां के साथ तस्वीरें साझा कीं लेकिन आरती उनमें गायब थीं। इसके अलावा, सहवाग ने हाल ही में अपनी यात्रा के दौरान केरल के एक मंदिर से कुछ तस्वीरें भी इंस्टाग्राम पर साझा कीं, जिसमें आरती कहीं नजर नहीं आईं। इन तस्वीरों ने दोनों के अलगाव की अफवाहों को और हवा दी है।

बच्चों के जीवन पर असर

सहवाग और आरती के दो बेटे हैं, आर्यवीर और वेदांत, जिनके भविष्य को लेकर भी चिंताएं उठ रही हैं। जहां आर्यवीर का जन्म 2007 में हुआ था, वहीं वेदांत 2010 में इस दुनिया में आए। ऐसे में माता-पिता के अलगाव का असर बच्चों पर भी पड़ सकता है।

सहवाग का वर्तमान जीवन

जहां सहवाग क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद राष्ट्रीय डोपिंग विरोधी एजेंसी के अपील पैनल के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, वहीं उन्होंने इस मामले पर अपनी चुप्पी बनाए रखी है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सहवाग अपनी जिम्मेदारियों और रुचियों में व्यस्त रहे हैं। इसके बावजूद, उनकी व्यक्तिगत जिंदगी की चर्चा थमने का नाम नहीं ले रही है।

इस प्रकार, सहवाग और आरती के बीच इस संदर्भ में सबसे बड़ी समस्या यह है कि दोनों की ओर से इस मामले पर कोई साफ बयान नहीं आया है। जब तक दोनों में से कोई इस मामले पर सामने आकर कुछ कहता नहीं है, तब तक इन अफवाहों को रोक पाना मुश्किल है।

19 टिप्पणि

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    shubham garg

    जनवरी 25, 2025 AT 00:02

    भाई लोगों, सोशल मीडिया की हर छोटी चाल को जाँचना जरूरी है, लेकिन जाँच में धैर्य भी रखें।

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    LEO MOTTA ESCRITOR

    जनवरी 25, 2025 AT 08:22

    किसी भी रिश्ते में दूरी का मतलब अंत नहीं होता, अक्सर ये अस्थायी fase होते हैं।
    दोनों पक्षों को संवाद को फिर से स्थापित करने की जरूरत है।
    सामाजिक मंचों पर दिखाया गया विभाजन अक्सर बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है।
    अगर दोनों मिलकर मुद्दों को सुलझाएँ तो स्थिति सुधर सकती है।

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    Sonia Singh

    जनवरी 25, 2025 AT 16:42

    ऐसे समय में बच्चों का कल्याण सबसे प्राथमिकता होनी चाहिए।
    परिवार की शांति उनके विकास पर सीधा असर डालती है।

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    Ashutosh Bilange

    जनवरी 26, 2025 AT 01:02

    भाई, ये सब तो सिर्फ हल्की हवा की फुहार है, कोई बड़ा झटका नहीं।

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    Kaushal Skngh

    जनवरी 26, 2025 AT 09:22

    कभी-कभी लोगों को सुर्खियों में लाने के लिए छोटी-सी घटना को बड़ा बनाया जाता है।
    असली वजह शायद निजी समझौता हो सके।
    इस विषय में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

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    Harshit Gupta

    जनवरी 26, 2025 AT 17:42

    देश की धरोहर को बचाना पहला कर्तव्य है, लेकिन व्यक्तिगत जिंदगी में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
    हमें खबरों को बिना जांचे-परखे पसराने से बचना चाहिए।
    फिर भी जब सार्वजनिक हस्ती होते हैं तो सबकी नजरें उनके कदमों पर रहती हैं।

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    HarDeep Randhawa

    जनवरी 27, 2025 AT 02:02

    सोशल मीडिया का खेल बड़े पैंमाने पर चलता है, कभी-कभी झाँस भी बरकरार रखता है।
    इस मामले में तस्वीरें ही सब कुछ नहीं बतातीं।

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    Nivedita Shukla

    जनवरी 27, 2025 AT 10:22

    भले ही फोटो में आपसी अंतराल दिखता हो, लेकिन रिलेशनशिप की गहरी बातें कैमरे में नहीं पकड़ पातीं।
    अक्सर सार्वजनिक बातों से पीछे हटकर व्यक्तिगत समझौते होते हैं।
    अगर दोनों ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है, तो यह उनके लिये सकारात्मक हो सकता है।
    बाहरी आलोचना से बजाय आंतरिक संवाद पर ध्यान देना बेहतर है।
    अंत में, परिवार को खुश रखने की कोशिश सबसे ज़रूरी है।

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    Rahul Chavhan

    जनवरी 27, 2025 AT 18:42

    लोग अक्सर बवाल का आनंद लेते हैं, लेकिन वास्तविकता अक्सर वैसी नहीं होती।
    इस तरह की खबरें जाँचने से पहले एक कदम पीछे हटना चाहिए।

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    Joseph Prakash

    जनवरी 28, 2025 AT 03:02

    हमें तथ्य पर टिके रहना चाहिए, वादे नहीं।
    ही सही दिशा है।

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    Arun 3D Creators

    जनवरी 28, 2025 AT 11:22

    समय के साथ रिश्तों में बदलाव होता ही है, लेकिन इसे हमेशा नकारात्मक नहीं देखना चाहिए।
    खुली बातचीत से कई समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।
    इसलिए हमेशा आशावादी रहना ज़रूरी है।

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    RAVINDRA HARBALA

    जनवरी 28, 2025 AT 19:42

    बिना प्रमाण के अंदाज़े लगाना आसान है, पर सच्चाई को जानना मुश्किल।
    इसलिए सूचना को सही स्रोत से ले।

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    Vipul Kumar

    जनवरी 29, 2025 AT 04:02

    सभी पक्षों को सुनना और समझना ही समाधान की कुंजी है।
    अक्सर छोटे-मोटे मतभेद बड़े विवाद बन जाते हैं।
    प्रक्रिया में धैर्य और सहानुभूति को अपनाएँ।

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    Priyanka Ambardar

    जनवरी 29, 2025 AT 12:22

    देश की शान को बचाना हर नागरिक का दायित्व है।
    ऐसे मामलों में मीडिया की भूमिका भी अहम है।

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    sujaya selalu jaya

    जनवरी 29, 2025 AT 20:42

    किसी भी खबर को स्वीकार करने से पहले स्रोत की जाँच ज़रूर करें।
    अनावश्यक अटकलबाज़ी से बचें।

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    Ranveer Tyagi

    जनवरी 30, 2025 AT 05:02

    परिवारिक मुद्दे निजी होते हैं, लेकिन सार्वजनिक हस्ती होने पर दबाव बढ़ जाता है।
    इसलिए सभी को संवेदनशीलता रखनी चाहिए।
    आँसुओं की जगह समझदारी को जगह दें।

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    Tejas Srivastava

    जनवरी 30, 2025 AT 13:22

    लंबी दूरी के बाद भी भरोसा बनाना संभव है।
    संवाद ही वही पुल है जो दो किनारों को जोड़ता है।
    इस प्रक्रिया में धैर्य अनिवार्य है।
    यदि दोनों पक्ष संवाद में सक्रिय रहें तो समाधान निकलेगा।

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    JAYESH DHUMAK

    जनवरी 30, 2025 AT 21:42

    आजकल सोशल मीडिया ने निजी जीवन को सार्वजनिक मंच में बदल दिया है।
    जब कोई सेलिब्रिटी अपने रिश्ते की बात को छुपाता है, तो जनता उसे खोजने की कोशिश करती है।
    ऐसी जिज्ञासा अक्सर अफवाहों की हवा में तड़पती है और बढ़ती है।
    विरेंद्र सहवाग और आरती की स्थिति भी इसी पैटर्न का एक उदाहरण है।
    दोस्ती की दीवारों को तोड़ने के बजाय, हमें सम्मान का पुल बनाना चाहिए।
    क्योंकि निजी निर्णयों को सार्वजनिक बनाने से अक्सर निकटतम लोगों को चोट पहुँचती है।
    भले ही उनके बच्चे इस साजिश के केंद्र में हों, उनका भविष्य सुरक्षित रखना ज़रूरी है।
    किसी भी विवाह में चुनौतियां आती हैं, पर समाधान संवाद में निहित रहता है।
    मीडिया को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे केवल तथ्य प्रस्तुत करें, अनुमान नहीं।
    सामाजिक मंचों पर फोटो और पोस्ट कभी- कभी स्नैपशॉट होते हैं, पूरी कहानी नहीं।
    समग्र रूप से, व्यक्तिगत जीवन का सम्मान करना ही एक सभ्य समाज की निशानी है।
    सभी पक्षों को इस चर्चा में एकजुट होकर समर्थन देना चाहिए।
    बच्चों को इस तनाव से बचाने के लिए परिवार को एकजुट रहना आवश्यक है।
    हम सभी को यह समझना चाहिए कि सार्वजनिक हस्ती भी मानव हैं, जिनकी भावनाएँ होती हैं।
    अंत में, बिना पुष्टि के अफवाहों को बढ़ावा देना सिर्फ अनावश्यक तनाव पैदा करता है।

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    Mala Strahle

    जनवरी 31, 2025 AT 06:02

    अफवाहों की धूल अक्सर सच्चाई को ढँक देती है, इसलिए सावधानी बरतना आवश्यक है।
    जब दो दशकों की शादी की बात आती है, तो छोटे-छोटे संकेतों को बड़ी महत्ता नहीं दी जानी चाहिए।
    पारिवारिक गोपनीयता को उल्लंघन करने से व्यक्ति के अंतरंग जीवन पर असर पड़ता है।
    सोशल मीडिया पर अनफ़ॉलो करना स्वाभाविक रूप से तलाक का संकेत नहीं है।
    कभी-कभी यह केवल निजी स्पेस की जरूरत या मानसिक स्वास्थ्य का हिसाव हो सकता है।
    बच्चों के भविष्य को देखते हुए, हमें उनके ऊपर अनावश्यक दबाव नहीं डालना चाहिए।
    दूरियों को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है खुलकर बात करना, न कि रोई गई फोटो को देखना।
    समय के साथ कई रिश्ते नई समझ और समझौते बनाते हैं, और यह एक स्वस्थ प्रक्रिया है।
    हमें मीडिया को भी इस संवेदनशील मुद्दे को सम्मान के साथ पेश करने की उम्मीद रखनी चाहिए।
    आखिरकार, केवल सच्ची बात ही सभी को संतोष देगी और अनावश्यक अटकलों को समाप्त करेगी।

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