27 अक्टूबर 2025 को भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में मौसम ने अचानक गुस्सा दिखाया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश और तूफान की चेतावनी जारी की। लेकिन ये सिर्फ बारिश की बात नहीं है। दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती तूफान 'मोंथा' अगले 48 घंटे में गंभीर तूफान में बदल सकता है — और इसकी छाया दिल्ली तक पहुँच सकती है। ये तूफान आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट पर जमीन छूएगा, लेकिन उसके बाद का असर उत्तर के राज्यों पर भी पड़ेगा।
दिल्ली में बारिश और प्रदूषण का दोहरा झटका
दिल्ली में 27 और 28 अक्टूबर की शाम और रात को पश्चिमी विक्षोभ के कारण हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना है। लेकिन ये बारिश ठंडक लाएगी, न कि साफ हवा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, आनंद विहार का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 429 और वजीरपुर का 400 रहा — दोनों 'गंभीर' श्रेणी में। दिल्ली के 28 निगरानी केंद्रों में से 25 पर AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया। जब बारिश नहीं हो रही होती, तो धूल और धुएँ के कण हवा में तैरते रहते हैं। अब बारिश के बाद भी नमी के कारण धुंध बन जाती है, जिससे प्रदूषण और भी घुल जाता है।
उत्तर प्रदेश में दो चरणों में बारिश
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में 27 से 30 अक्टूबर तक बारिश का अलर्ट है। ये बारिश दो चरणों में आएगी — पहले पश्चिमी जिलों में 27-28 अक्टूबर को, फिर 30-31 अक्टूबर को पूर्वी जिलों में। लखनऊ, आगरा, गोरखपुर और मेरठ जैसे शहरों में गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम विभाग का कहना है कि इस दौरान दिन का तापमान 2-4 डिग्री सेल्सियस गिर सकता है। ये गिरावट बस ठंडक नहीं लाएगी — बल्कि कृषि के लिए भी फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि अब तक खेतों में बहुत कम बारिश हुई है।
बिहार, राजस्थान और गुजरात को भी चेतावनी
बिहार के लिए 29 से 31 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। पटना, गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में तेज हवाएँ और गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है। राजस्थान में 27 और 28 अक्टूबर को पश्चिमी हिस्सों में बारिश की संभावना है — जहाँ पिछले महीने से बारिश नहीं हुई थी। गुजरात के कुछ हिस्सों में भी बारिश के आसार हैं, खासकर अहमदाबाद और सूरत के आसपास। ये बारिश गर्मी के बाद तापमान में कमी लाएगी, लेकिन बाढ़ के खतरे को भी बढ़ा सकती है।
हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी की आशंका
हिमालय के इलाकों में तो बारिश नहीं, बर्फबारी का खतरा है। शिमला में 27 अक्टूबर को न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है — जो इस साल का सबसे कम तापमान होगा। देहरादून में न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। यहाँ तेज हवाओं के साथ बर्फबारी की संभावना है, जिससे राज्य के पहाड़ी रास्ते बंद हो सकते हैं। टूरिस्ट बसों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। एक स्थानीय गाइड ने कहा, “हम इस साल अपनी ट्रैकिंग योजनाओं को बदल रहे हैं। अगर बर्फबारी हुई, तो रास्ते बंद हो जाएंगे — और ये दिन आमतौर पर बहुत भीड़ वाले होते हैं।”
‘मोंथा’ तूफान: दक्षिण से उत्तर तक का असर
दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ अगले 48 घंटे में गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव उत्तरी भारत पर भी पड़ेगा। जब ये तूफान आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट पर जमीन छूएगा, तो उसके बाद की वायु प्रवाह श्रृंखला उत्तर की ओर बढ़ेगी। यही कारण है कि दिल्ली और यूपी में बारिश की चेतावनी जारी की गई। ये नियमित पश्चिमी विक्षोभ नहीं है — ये एक बड़ा जलवायु घटना है।
क्या होगा अगले कुछ दिनों में?
29 अक्टूबर को दिल्ली में मौसम आंशिक रूप से साफ होगा, लेकिन तापमान अभी भी 16-17 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। 30 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में फिर से बारिश की संभावना है। जब तक ‘मोंथा’ नहीं बुझता, तब तक उत्तरी भारत में मौसम अस्थिर रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ये तूफान अपेक्षित तरीके से बलवान हो जाता है, तो नवंबर के पहले हफ्ते तक उत्तरी भारत में बारिश की आम बात बन सकती है।
क्या ये जलवायु परिवर्तन का संकेत है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों की तीव्रता और अक्सर आने का रुझान बढ़ रहा है। पिछले 10 वर्षों में, यहाँ 7 बड़े चक्रवात आए हैं — जिसमें से 5 गंभीर थे। 2020 में चक्रवात ‘अम्फान’ ने विशाल क्षति की थी। अब ‘मोंथा’ इसी ट्रेंड का हिस्सा है। जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का तापमान बढ़ रहा है, जिससे तूफान तेज़ हो रहे हैं। ये सिर्फ एक बार की घटना नहीं — ये एक नया नियम बन रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मोंथा तूफान दिल्ली तक कैसे पहुँचेगा?
‘मोंथा’ सीधे दिल्ली नहीं आएगा, लेकिन इसके बाद की वायु प्रवाह श्रृंखला उत्तरी भारत की ओर बढ़ेगी। ये तूफान आंध्र प्रदेश तट पर जमीन छूएगा, और उसके बाद की हवाएँ पश्चिमी विक्षोभ के साथ मिलकर दिल्ली, यूपी और बिहार में बारिश लाएंगी। ये अप्रत्यक्ष प्रभाव है, लेकिन बहुत प्रभावशाली।
दिल्ली में AQI 400 से ऊपर क्यों है?
26 अक्टूबर को दिल्ली में सीज़न का सबसे कम तापमान 16.9°C दर्ज हुआ, जिससे हवा का वेग कम हुआ। इसके साथ ही धूल, वाहनों के धुएँ और कृषि अवशेषों के जलने से प्रदूषण बढ़ा। बारिश न होने के कारण कण हवा में तैरते रहे। अब बारिश आने से थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन नमी के कारण धुंध बनेगी, जिससे AQI अभी भी ऊँचा रहेगा।
उत्तर प्रदेश में बारिश कितने जिलों में होगी?
IMD के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में 31 अक्टूबर तक बारिश होने की संभावना है। इनमें लखनऊ, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, फर्रुखाबाद और बरेली शामिल हैं। पश्चिमी जिलों में 27-28 अक्टूबर को, और पूर्वी जिलों में 30-31 अक्टूबर को बारिश की संभावना है।
क्या बिहार में बाढ़ का खतरा है?
29-31 अक्टूबर के बीच बिहार में हल्की से मध्यम बारिश होगी, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी नहीं है। हालाँकि, यदि गंगा नदी के ऊपरी बेसिन में बारिश बढ़ जाए, तो नदी का जलस्तर बढ़ सकता है। अभी तक कोई बाढ़ चेतावनी नहीं जारी की गई है।
हिमाचल और उत्तराखंड में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
हिमाचल और उत्तराखंड में तेज हवाओं के साथ बर्फबारी की संभावना है। राज्य सरकार ने पहाड़ी रास्तों पर यातायात पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की है। टूरिस्ट्स को अस्थायी रूप से शिमला और देहरादून के आसपास के क्षेत्रों में यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। रास्तों पर बर्फ और बर्फ के टुकड़ों का खतरा है।
क्या ये तूफान इस साल का पहला है?
नहीं। इस साल बंगाल की खाड़ी में चक्रवात ‘बुराक’ और ‘मुक्ता’ आ चुके हैं। लेकिन ‘मोंथा’ इनसे अधिक तीव्र होने की संभावना है। ये अगले 10 वर्षों में आठवाँ गंभीर चक्रवात होगा, जो अक्टूबर में बना है — जो पिछले दशक में असामान्य था।