जब मोंथा तूफान, एक तेज़ और अक्सर अनियमित वर्षा और हवा का संयोजन होता है जो भारत के कुछ हिस्सों में मॉनसन के बाद देखा जाता है आता है, तो लोग घबरा जाते हैं। ये तूफान अक्सर अचानक आता है, कुछ दिनों के लिए बारिश बरसाता है, फिर गायब हो जाता है। इसकी वजह से बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पश्चिम बंगाल जैसे इलाकों में सड़कें बह जाती हैं, स्कूल बंद हो जाते हैं, और लोग अपने घरों में फंस जाते हैं।
ये तूफान मॉनसन, भारत के मौसम का सबसे बड़ा घटक जो हर साल जून से सितंबर तक देश भर में बारिश लाता है के बाद भी अपनी ताकत नहीं खोता। अक्सर जब मॉनसन पीछे हटता है, तो उसकी बची हुई नमी और वायुमंडलीय अस्थिरता के कारण अचानक तेज़ हवाएँ और बारिश शुरू हो जाती हैं। इसे ही मोंथा तूफान कहा जाता है। ये घटना केवल बारिश नहीं लाती, बल्कि दिल्ली और यूपी जैसे शहरों में तापमान में भी उतार-चढ़ाव ला देती है। 26 सितंबर 2025 के मौसम पूर्वानुमान में भी देखा गया कि जब दिल्ली में 36°C तापमान था, तो केरल और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई — यही बारिश, मोंथा तूफान का मुख्य लक्षण, जो खेतों को भी फायदा दे सकती है और शहरों को भी अव्यवस्था में डाल सकती है का असर है।
इसके अलावा, ये तूफान अक्सर राज्य सरकारों को अचानक फैसले लेने के लिए मजबूर कर देता है। जैसे कर्नाटक में जाति सर्वेक्षण के लिए स्कूल बंद कर दिए गए, या बिहार में लड़कियों के लिए स्कॉलरशिप के आवेदन की अंतिम तिथि के बाद भी बारिश के कारण लोग आवेदन नहीं कर पाए। ये सब दिखाता है कि मौसम पूर्वानुमान, जो लोगों को तैयार होने में मदद करता है, अगर सही न हो तो आर्थिक और सामाजिक नुकसान का कारण बन सकता है।
इस पेज पर आपको मोंथा तूफान से जुड़ी ताज़ा खबरें मिलेंगी — कहाँ बारिश हुई, किन जगहों पर स्कूल बंद हुए, किन शहरों में तापमान में उतार-चढ़ाव आया, और कौन से राज्य इसके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। ये सभी खबरें आपको बताएंगी कि अगली बार जब ये तूफान आए, तो आप क्या करें।