जब आप सुनते हैं कि भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार का एक विभाग जो मौसम की भविष्यवाणी, जलवायु अध्ययन और प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी देता है. इसे IMD, या इंडियन मैटीरियल डिपार्टमेंट भी कहते हैं, और यह देश के हर कोने में लाखों लोगों के दिन को तय करता है। आपको लगता है कि ये सिर्फ टीवी पर बताते हैं कि कल बारिश होगी या नहीं? नहीं। ये वो जानकारी देता है जिसके बिना किसान बीज नहीं बोता, शहरी लोग घर से निकलते हैं, और रेलवे ट्रेनों का शेड्यूल बनता है।
इस विभाग की भविष्यवाणियाँ किसी अंदाज़े से नहीं, बल्कि हज़ारों सेंसर, रडार और उपग्रहों के डेटा से बनती हैं। लेकिन यहाँ एक बड़ी बात है — ये भविष्यवाणी राज्यों के हिसाब से अलग होती है। जब केरल, भारत का एक राज्य जहाँ मानसून की पहली बारिश आती है और वर्षा की मात्रा सबसे ज्यादा होती है में तूफान आ रहा हो, तो दिल्ली, भारत की राजधानी जहाँ गर्मी और धूल बार-बार मौसम की चर्चा बन जाती है में आसमान साफ हो सकता है। यही वजह है कि 26 सितंबर 2025 को जब पश्चिम बंगाल और गुजरात में भारी बारिश हुई, तो उत्तर प्रदेश और बिहार में कोई बारिश नहीं आई। ये असमानता मानसून की प्राकृतिक गति का हिस्सा है, न कि भारत मौसम विज्ञान विभाग की गलती।
मानसून का समय तो आता है, लेकिन अब ये अपने आप में बदल रहा है। कभी बारिश देर से आती है, कभी एक दिन में तीन दिन की बारिश बरस जाती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग अब यही बदलाव ट्रैक कर रहा है — गर्मी का दौर लंबा हो रहा है, शहरों में तापमान 40°C के पार जा रहा है, और बारिश के पैटर्न अचानक बदल रहे हैं। ये सब आपके लिए कितना अहम है? अगर आप दिल्ली में रहते हैं, तो ये जानकारी आपके लिए बाइक या कार निकालने का फैसला करने के बराबर है। अगर आप किसान हैं, तो ये आपकी किसानी के निर्णय का आधार है।
इस वेबसाइट पर आपको ऐसे ही ताज़ा और विस्तृत मौसम की रिपोर्ट्स मिलेंगी — जिनमें बारिश का अनुमान, तापमान का अंतर, और गर्मी के दिनों का पूरा विवरण होता है। आप जान पाएंगे कि क्यों एक राज्य में बारिश हो रही है और दूसरे में नहीं। आप देख पाएंगे कि कौन से शहर अभी गर्मी के चक्कर में हैं, और कौन से अभी बारिश के लिए तैयार हैं। ये सब आपको रोज़ के फैसले लेने में मदद करेगा — चाहे आप घर से निकल रहे हों, या फिर खेत में जा रहे हों।