जैसे ही सुबह 10 बजे टाटा मोटर्स का स्टॉक्स ₹668.45 पर ट्रेड कर रहा था, निवेशकों ने दो लगातार ट्रेडिंग सत्रों में शेयरों की कीमत में लगभग 5.20% की गिरावट देखी। इस गिरावट का मुख्य कारण था यूके में स्थित लक्ज़री ब्रांड टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी, जैगर लैंड रोवर (JLR) पर हुए भयानक साइबर अटैक की खबर।
अगस्त के अंत में इस अटैक ने JLR की तीन प्रमुख कारखानों को पूरी तरह बंद कर दिया। ये कारखाने मिलकर प्रतिदिन लगभग 1,000 कारें बनाते हैं, और इनका बंद रहना न केवल उत्पादन को रोकता है बल्कि पाँच-hundred‑plus हजार कर्मचारियों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी को भी झकझोर देता है।
कंपनी ने अनिवार्य रूप से अपने IT नेटवर्क को डिफ़ॉल्ट मोड में डाल दिया और उत्पादन रुकने का आदेश दिया। इस बीच, बॉर्नविल, हेले, और वाटरफोर्ड में स्थित फैक्ट्रीज़ का उत्पादन शनिवार से अगले बुधवार (1 अक्टूबर) तक स्थगित किया गया, जिससे कुल 33,000 कर्मचारियों पर असर पड़ा।
क्लासिक शेयर बाजार की कहानी में, जब कोई बड़ी कंपनी को चोट लगती है तो निवेशकों का मन बेचैन हो जाता है। इसी कारण टाटा मोटर्स के शेयर एक ही दिन में 2.59% तक गिर कर ₹665 के न्यूनतम स्तर तक पहुंच गए।
जैगर लैंड रोवर की वित्तीय स्थिति पर इस अटैक का असर गहरा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी को हर हफ्ते लगभग £50 मिलियन (लगभग $68 मिलियन) का नुकसान हो रहा है। फाइनेंशियल टाइम्स का कहना है कि यह खर्च कंपनी के FY25 के “प्रॉफिट आफ्टर टैक्स” (£1.8 बिलियन) से भी अधिक हो सकता है। यदि नुकसान £2 बिलियन तक पहुंचता है, तो यह पूरी सालाना कमाई को किंगल कर देगा।
एक और बड़ी समस्या रही काइबर बीमा की कमी। JLR ने इस अटैक से पहले बीमा ब्रोकरेज फर्म लॉकटन के साथ काइबर सुरक्षा कवर पर बातचीत की थी, लेकिन पॉलिसी साइन‑ऑफ़ के पहले ही घटना घटित हो गई। इसलिए कंपनी को इस बड़े बजट भरण‑पोषण के लिए खुद ही ढांसना पड़ेगा।
विश्लेषकों की प्रतिक्रिया ने भी शेयर कीमत को नीचे धकेला है। इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक चोक्कलिंगम जी ने बताया कि टाटा मोटर्स कई चुनौतियों से जूझ रहा है—देशी और विदेशी दोनों बाजारों में मांग घटना, Q1 के कमजोर परिणाम, और अब काइबर अटैक का बोज़। उन्होंने निवेशकों को बजाज ऑटो और M&M जैसी कंपनियों के शेयरों पर विचार करने की सलाह दी।
दूसरी ओर, डेवेन चोक्से रिसर्च ने टाटा मोटर्स के FY26 और FY27 के EBITDA अनुमान को क्रमशः 10.4% और 6.5% घटा दिया। उनका मानना है कि JLR की मार्जिन में कमी, घरेलू मांग में सॉफ्टनेस, और यूरोप व चीन जैसे प्रमुख बाजारों में निर्यात चुनौतियों ने इस गिरावट को बढ़ावा दिया है। फिर भी, उन्होंने 'Accumulate' रेटिंग बनाए रखी है और टार्गेट प्राइस को ₹722 तक कम कर दिया है।
पिछले साल में टाटा मोटर्स के शेयरों ने लगभग 30% की गिरावट देखी है, और आज की एक‑वर्ष की रिटर्न -31.09% तक गिर गई है। कंपनी की मार्केट कैपिटलाइज़ेशन ₹2,46,216.2 करोड़ है, जबकि P/E रेशियो 11.57 पर स्थिर है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि वे सुरक्षा विशेषज्ञ, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा सेंटर (NCSC) और कानून व्यवस्था के साथ मिलकर उत्पादन को फिर से चालू करने की योजना बना रहे हैं। बिक्री केंद्र अभी भी खुले हैं, और ग्राहकों को सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
शेयरधारकों और बाजार विशेषज्ञों के लिए यह प्रश्न अभी भी खुला है कि टाटा मोटर्स इस संकट से कितनी जल्दी उबर पाएगा और क्या उसके भविष्य के प्रोजेक्ट्स को यही तरह के जोखिमों से बचाने के लिए बेहतर साइबर सुरक्षा उपायों की जरूरत है।