
हरियाणा में सरकारी स्कूलों का नेटवर्क सबसे बड़ा है, और यह गरीब‑समृद्ध सबके लिए खुला रहता है। फ्री ट्यूशन, सरकारी छात्रवृत्ति और निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें यहाँ की मुख्य पहचान हैं। यदि आप अपने बच्चे को भरोसेमंद शिक्षा देना चाहते हैं, तो सरकारी स्कूल एक सीधा‑सादा समाधान देता है।
सरकारी स्कूलों में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए तैयार किए गए पाठ्यक्रम होते हैं। शिक्षक सीबीएसई या एचबीएससी बोर्ड के मानकों के अनुसार पढ़ाते हैं, इसलिए रिज़ल्ट अक्सर राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी होते हैं। साथ ही, कई स्कूलों में डिजिटल कक्षाएँ, कंप्यूटर लैब और खेल के मैदान भी उपलब्ध हैं। इन सुविधाओं की वजह से बच्चों को सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रखा जाता, बल्कि उनका रुचि‑आधारित विकास भी सम्भव होता है।
हाई स्कूल या इंट्री‑मिडिल तक की पढ़ाई मुफ्त है, और इसका मतलब है कि ट्यूशन फीस की चिंता नहीं करनी पड़ती। अगर आप परिवार का बजट सीमित रख रहे हैं, तो सरकारी स्कूल आपके खर्चों में भारी कमी ला सकता है। इसके अलावा, राज्य सरकार के तहत चल रही कई स्कॉलरशिप योजनाएं पढ़ाई में उत्कृष्टता दिखाने वाले छात्रों को वित्तीय मदद देती हैं।
दाखिला प्रक्रिया काफी सरल है। अधिकांश मामलों में, 1‑2 जून के बीच एनीक्शन फॉर्म ऑनलाइन या नजदीकी स्कूल कार्यालय में मिल जाते हैं। फॉर्म भरते समय बच्चे की जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और पते का प्रूफ पास कर देना जरूरी है। कुछ स्कूल में मातापिता की आय प्रमाण पत्र भी माँगा जाता है, ताकि अलग‑अलग आर्थिक वर्गों को संतुलित किया जा सके।
फॉर्म जमा करने के बाद, स्कूल ट्रांसफ़र प्रमाण पत्र (यदि बच्चा पहले किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहा हो) और पिछले स्कूल की रिपोर्ट कार्ड जमा करनी पड़ती है। सभी दस्तावेज़ सही रूप में मिलने पर नामांकन की पुष्टि 15‑20 कार्यदिवस में हो जाती है। आप चाहे तो एंटी‑बुलिंग और स्वास्थ्य जांच जैसी अतिरिक्त सुविधाओं के बारे में भी पूछ सकते हैं, क्योंकि कई सरकारी स्कूल अब इन पहलुओं को भी मजबूती से लागू कर रहे हैं।
भर्ती के बाद, स्कूल की वार्षिक पहली बैठक में अभिभावकों को आमंत्रित किया जाता है। यहाँ आप स्कूल के प्रधानाचार्य या मैनेजर से सीधे संपर्क कर सकते हैं, छात्रों की प्रगति, क्लास टाइम‑टेबल और एक्स्ट्रा‑करिकुलर एक्टिविटी के बारे में पूछ सकते हैं। इस मीटिंग में अक्सर स्कूल की नीतियों, कक्षा के आकार और शिक्षक‑छात्र अनुपात की जानकारी मिलती है, जिससे आप बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
हरियाणा में आज के सरकारी स्कूलों में कई नई पहलें चल रही हैं। डिजिटल इंडिया मोड्यूल के तहत, स्कूलों को स्मार्ट बोर्ड और ऑनलाइन लर्निंग पोर्टल की सुविधा दी जा रही है। साथ ही, शौक़ीन बच्चों के लिए नयी भाषा, कोडिंग और कला के क्लासेस भी खोले गए हैं। इसका मतलब है कि अब सरकारी स्कूल सिर्फ बेसिक पढ़ाई ही नहीं, बल्कि 21वीं सदी की स्किल्स भी दे रहे हैं।
अगर आप अपने बच्चे को एक सुरक्षित, खर्च‑कम और प्रगति‑उन्मुख माहौल देना चाहते हैं, तो सरकारी स्कूल एक बेहतरीन विकल्प है। फीस नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस करने वाले इस सिस्टम में आपका बच्चा न सिर्फ अच्छे अंक लाएगा, बल्कि जीवन भर सीखने की आदत भी विकसित करेगा। अब देर न करें—आगे की पढ़ाई के लिए आज ही नजदीकी सरकारी स्कूल में फॉर्म निकालें और अपने बच्चे का भविष्य उज्जवल बनाएं।