
नवरात्रि पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है, लेकिन हरियाणा में शरदिया नवरात्रि का अपना खास रंग है। 2025 में नवरात्रि 29 अक्टूबर से 6 नवंबर तक चलेगी, और शरदिया पूजा के साथ यह दो‑तीन दिन और जोड़कर एक विशेष क्रम बनाता है। अगर आप पहली बार इस उत्सव में भाग ले रहे हैं या फिर फिर से कुछ नया जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए एकदम सही है।
शरदिया नवरात्रि में मंगलवार को शुरू होने वाली रात को "शरदिया" या "दुर्गा पूजा" कहा जाता है। घर में या मंदिर में काली माँ की प्रतिमा स्थापित की जाती है और 9‑दिन की दनुषी पूजा चलायी जाती है। हर दिन जुड़वां पावन मंत्र, भजन‑कीर्तन और फस्टून (उपवास) का पालन किया जाता है। विशेष रूप से अष्टमी का दिन बहुत महत्त्वपूर्ण होता है—इस दिन माँ दुर्गा के आठ हाथों की पूजा करने के बाद गोवर्द्धन (गन्ने का गाजा) या कली (टोकरी) को जलाया जाता है।
हरियाणा के कुछ गांवों में शरदिया के बाद "मधुशाला" या "रात्रि जलावन" का आयोजन भी किया जाता है, जहाँ मीठे पकवान और स्थानीय संगीत का माहौल होता है। यह रिवाज़ न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि सामाजिक बंधनों को भी मजबूत करता है।
जिला स्तर पर कई बड़े मंदिरों ने विशेष कार्यक्रम की घोषणा की है। रोहतक के शरदिया महादेव मंदिर में 29 अक्टूबर को भव्य मंचन, विविध कला प्रदर्शन और पारंपरिक ढोलक की थापें होंगी। गुड़गांव के राजकीय सांस्कृतिक सेंटर में नवरात्रि थाली‑प्रदर्शन और स्थानीय शिल्पकारों के स्टॉल लगेंगे। यदि आप दिल्ली‑एनसीआर में हैं, तो 2 नवंबर को दिल्ली नजदीकी क्षेत्र में बड़े पंडाल में एक संयुक्त नवरात्रि मेला होगा, जहाँ आप विभिन्न शिविरों से सिखी हुई रीतियों को देख सकते हैं।
इन कार्यक्रमों में प्रवेश मुफ्त है, लेकिन सीटें सीमित हैं। इसलिए स्थानीय प्रशासन की वेबसाइट या हार्डवेअर स्टोर्स पर पहले से बुकिंग कर लेनी बेहतर होगी।
अगर आप दूर से देखते हुए जुड़ना चाहते हैं, तो कई चैनलों ने लिव‑स्ट्रीमिंग का इंतजाम किया है। हरियाणा टेलीविजन नेटवर्क (HTV) और YouTube पर आधिकारिक चैनल हर दिन दो‑तीन घंटे की लाइव कवरेज देंगे।
भोजन की बात करें तो शरदिया नवरात्रि में फरहानी (सेवा) बहुत लोकप्रिय है—डालचीनी, गुड़, चने की दाल और खीर। आप घर पर भी आसान रेसिपी के साथ इसे बना सकते हैं, बस कुछ आसान सामग्री जैसे बेसन, दही और शक्कर को मिलाकर 30 मिनट में तैयार हो जाता है।
सुरक्षा की दृष्टि से, भीड़ वाले इलाकों में मास्क और हैंड सैनीटाइज़र रखना फायदेमंद रहेगा। यदि आप छोटे बच्चे या बुजुर्ग के साथ जा रहे हैं, तो डॉक्टर से फ्लू शॉट लगवाना न भूलें।
अंत में, शरदिया नवरात्रि सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि एक सामाजिक अनुभव है। नई दोस्ती बनती है, पारिवारिक बंधन मजबूत होते हैं और हरियाणा की संस्कृति का जश्न मनाया जाता है। आप भी इस साल की नवरात्रि को अपनी डायरी में लगाएँ, योजनाएं बनाएँ और इस उत्सव को यादगार बनाएँ।