लोकसभा में सोमवार को बजट 2024 पर चर्चा के दौरान एक अभूतपूर्व घटना घटी। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के बीच तीखी झड़प हो गई। अभिषेक बनर्जी ने बजट की आलोचना करते हुए इसे एक अद्वितीय तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने 'BUDGET' शब्द को एक संक्षिप्त रूप में व्याख्यायित किया, जिसमें 'B' को 'betrayal' (धोखा), 'U' को 'unemployment' (बेरोज़गारी), 'D' को 'deprived' (वंचित), 'G' को 'guarantees' (गारंटी) के रूप में दर्शाया।
अभिषेक बनर्जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि यह बजट गरीबों और वंचित वर्गों के साथ धोखा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाई कि इस बजट में बेरोज़गारी और महंगाई के मुद्दों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया है। स्पीकर ओम बिरला ने उनके इन आरोपों के जवाब में संयम से काम लेने की सलाह दी, लेकिन जब अभिषेक ने अपना वक्तव्य जारी रखा तो स्पीकर ने नाराजगी जताते हुए उन्हें मर्यादा में रहने की चेतावनी दी।
स्पीकर ओम बिरला ने इस दौरान कहा कि लोकसभा एक गरिमापूर्ण संस्था है और इसमें सदस्यों को अपनी बात शालीनता से और मर्यादा में रहकर रखना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि संसद की गरिमा को बनाए रखना सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है। ओम बिरला का यह तीखा प्रतिरोध विपक्ष के लिए एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
यह तकरार सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच पहले से चली आ रही तनाव की घटनाओं की केवल एक और कड़ी है। पिछले कुछ समय से बजट के मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच लगातार तकरार होती रही है। विपक्ष का आरोप है कि यह बजट केवल पूंजीपतियों के हित में है, वहीं सत्तापक्ष ने इसे आम जनता के हित में बताया है।
इस घटना ने राजनीतिक तापमान में और इजाफा कर दिया है। विपक्षी दलों ने लोकसभा स्पीकर के कथनों पर गहरी आपत्ति जताई है, वहीं सत्तारूढ़ दल ने स्पीकर के पक्ष में अपने समर्थन व्यक्त किए हैं। तृणमूल कांग्रेस ने इस पूरे मामले में स्पीकर के आचरण के विषय में भी सवाल उठाए हैं।
इस घटना के बाद संसद के आगामी सत्रों में और भी तीखी बहसों की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा, भविष्य में बजट पर चर्चा के दौरान और अधिक क्रियांश तीव्र हो सकती है। विपक्ष ने भी अपने मुद्दों पर जोर देने की रणनीति बना ली है।