काश पटेल बने एफबीआई के नए निदेशक, नियुक्ति को बताया 'महानतम सम्मान'

मार्च, 7 2025

एफबीआई के निदेशक के रूप में शपथ ग्रहण

काश पटेल ने 21 फरवरी 2025 को व्हाइट हाउस में एफबीआई के निदेशक के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह का संचालन अटॉर्नी जनरल पामेला बॉन्डी ने किया। काश पटेल ने इसे अपने जीवन का 'महानतम सम्मान' बताया। इस समारोह में रिपब्लिकन सांसद टेड क्रूज और जिम जॉर्डन जैसे लोग भी उपस्थित थे।

पटेल की नियुक्ति सीनेट में मामूली अंतर से अनुमोदित हुई, जिसमें 51-49 का वोट था। दो रिपब्लिकन सीनेटर - सुसान कॉलिन्स और लिसा मुर्कोव्स्की ने उनके खिलाफ मतदान किया। पटेल की नियुक्ति की पुष्टि के बाद, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनके नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह इस पद पर 'सबसे बेहतरीन' साबित होंगे।

प्राथमिकताएं और चुनौतियाँ

प्राथमिकताएं और चुनौतियाँ

अपनी प्राथमिकता के रूप में, काश पटेल एफबीआई की प्रतिष्ठा को सुधारने के लिए संवैधानिक निगरानी और जवाबदेही पर काम करने की बात कही है। उन्होंने 'अच्छे पुलिसकर्मियों को पुलिस का काम करने देने' की बात कही, साथ ही जनता के विश्वास को पुनर्निर्माण का संकल्प लिया।

  • राजनीतिक चिंताएं: डेमोक्रेट्स ने पटेल की नियुक्ति को लेकर राजनीतिक निशानेबाजी की चिंताएं जताई, खासकर उनके उस बयान पर जिसमें उन्होंने ट्रंप के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाए गए सरकारी और मीडिया हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी।
  • पिछली चुनौतियाँ: पटेल ने मीडिया की आलोचना को 'फर्जी, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिक कहा।' उन्होंने यह आश्वासन दिया कि वे संविधान की रक्षा करेंगे।

पटेल ने क्रिस्टोफ़र रे की जगह ली है, जिन्होंने राजनीतिक जांच जैसे मामलों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के साथ संघर्ष के बाद इस्तीफा दे दिया था। अब पटेल का उद्देश्य है कि एफबीआई को हिंसक अपराधों और राष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ राजनीतिज्ञ पूर्वाग्रह को कम करना है।

भारतीय-मूल के पहले पीढ़ी के अमेरिकी काश पटेल ने अपने बैकग्राउंड को 'अमेरिकन ड्रीम' का प्रतीक कहा है, और उन्होंने संवैधानिक सिद्धांतों के तहत नेतृत्व करने का संकल्प लिया है।

10 टिप्पणि

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    Ashutosh Bilange

    मार्च 7, 2025 AT 20:29

    काश पटेल का चुनाव तो बिलकुल ही गडबड़ है!

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    Kaushal Skngh

    मार्च 25, 2025 AT 05:09

    उन्हें बहुत बड़े दायित्व मिलते हैं, पर शायद बोरिंग बर्ताव की वजह से कुछ भी नहीं बदलेगा। थोड़ा उत्साह चाहिए, नहीं तो सब कुछ सस्ता पड़ जाएगा।

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    Harshit Gupta

    अप्रैल 11, 2025 AT 13:49

    काश पटेल का नियुक्ति, जैसा कि वोट में दिखा, एक राजनीतिक साजिश से कम नहीं है।
    वह खुद को 'महानतम सम्मान' कहता है, जबकि कई लोग इसे लोकतंत्र का उपहास मानते हैं।
    एफ़बीआई की प्रतिष्ठा को सुधारने का दावा उसने किया, पर वही संस्था पहले ही कई बार राजनीतिक दबाव में फँसी थी।
    अगर वह वास्तव में जवाबदेही लाने में सफल हुआ, तो वह इतिहास में एक अनोखा नाम बन जाएगा।
    परन्तु यह भी सच है कि वह ट्रम्प के समर्थकों के बीच बहुत लोकप्रिय है, जो उसके निर्णय को पक्षपातपूर्ण बनाता है।
    सीनेट में 51-49 का बीच का वोट दिखाता है कि इस नियुक्ति में बहुत मतभेद हैं।
    दो रिपब्लिकन का विरोध भी इस बात का संकेत है कि पार्टी के भीतर भी इस पर बहस है।
    डेमोक्रेट्स ने पहले ही कहा है कि यह कदम न्यायपालिका को कमजोर करेगा।
    कई बिखरे हुए रिपोर्टों में कहा गया है कि काश पटेल ने पहले भी सरकारी और मीडिया के खिलाफ साजिश की बात की थी।
    इस कारण से उसकी नीतियों में पारदर्शिता के प्रमाण ढूँढ़ना मुश्किल होगा।
    फिर भी वह कहता है कि वह संविधान की रक्षा करेगा, जो कि बहुत ही आदर्शवादी वाक्य है।
    अगर वह इस आदर्श को साकार भी कर पाए, तो वह एफ़बीआई को फिर से जनता के भरोसे में ला सकता है।
    लेकिन अगर वह अपनी राजनीतिक रेखा नहीं छोड़ पाता, तो एजेंसी को फिर से विवादों में फंसा देखेंगे।
    जनता को इस नई नियुक्ति पर सतर्क रहना चाहिए और हर कदम को बारीकी से देखना चाहिए।
    अंततः, समय ही बताएगा कि काश पटेल वास्तव में 'सबसे बेहतरीन' साबित होते हैं या नहीं।

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    HarDeep Randhawa

    अप्रैल 28, 2025 AT 22:29

    क्या बात है!! काश पटेल को देखकर तो ऐसा लगता है कि न्याय प्रणाली का टीवी शो शुरू हो रहा है??? क्या यह एक नया ड्रामा है???

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    Nivedita Shukla

    मई 16, 2025 AT 07:09

    हर बड़ी नियुक्ति के पीछे एक कहानी छिपी होती है, और इस बार की कहानी में गहराई से देखी जा सकती है।
    काश पटेल ने खुद को 'महानतम सम्मान' कहा, पर क्या यह सम्मान वास्तव में जनता की आवाज़ के साथ मेल खाता है?
    सच तो यह है कि शक्ति अक्सर दूसरों के सपनों को दबा देती है, और इस शक्ति का उपयोग किस दिशा में होगा, यही अब सवाल है।
    यदि वह सच्चे दिल से काम करे, तो एफ़बीआई का भविष्य उज्जवल हो सकता है; नहीं तो यह फिर से अंधेरे में धँस जाएगा।

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    Rahul Chavhan

    जून 2, 2025 AT 15:49

    चलो, देखते हैं आगे क्या होते हैं। अगर काश सच्ची मेहनत करेगा तो सबको फायदा होगा।

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    Joseph Prakash

    जून 20, 2025 AT 00:29

    नया डिप्टी आने से टीम में नयी ऊर्जा आ सकती है 😎 लेकिन देखना पड़ेगा कि असली बदलाव आएगा या नहीं

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    Arun 3D Creators

    जुलाई 7, 2025 AT 09:09

    काश पटेल की नीति अगर सच्ची है तो एफ़बीआई की छवि फिर सुधर सकती है।

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    RAVINDRA HARBALA

    जुलाई 24, 2025 AT 17:49

    ऐसी बातें तो बहुत सुनी हैं, पर वास्तविकता कुछ और ही है। देखेंगे कैसे चलता है.

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    Vipul Kumar

    अगस्त 11, 2025 AT 02:29

    सबको याद दिलाना ज़रूरी है कि किसी भी पद में आकर सिर्फ नाम नहीं, काम होना चाहिए। काश पटेल के साथ सब मिलकर एफ़बीआई को सही दिशा दें।

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