बंदी संजय की Meteoric उन्नति: नगर सेवक से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर

जून, 12 2024

बंदी संजय का प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक प्रवेश

बंदी संजय कुमार का जन्म तेलंगाना राज्य के करीमनगर जिले में हुआ था। वे प्रारंभ से ही राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय थे। उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छा और मेहनत ने उन्हें राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत 2005 में हुई जब वे करीमनगर नगर निगम के पार्षद चुने गए।

राजनीति में तेजी से उन्नति

बंदी संजय ने अपनी राजनीतिक ज़िन्दगी की शुरुआत नगर सेवक के पद से की, और यहां से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2005 में नगर निगम के पार्षद के रूप में जनता की सेवा करते हुए उनके काम ने उन्हें अपने क्षेत्र में लोकप्रिय बना दिया। 2019 में, उन्होंने करीमनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से जीत हासिल की, जिसमें उन्होंने विपक्षी को 2.25 लाख वोटों से पराजित किया।

बीजेपी में प्रमुख पदों पर योगदान

बंदी संजय ने 2020 से 2023 तक बीजेपी तेलंगाना राज्य के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस अवधि में उन्होंने राज्यव्यापी 'प्रजा संग्राम यात्रा' की, जिसमें उन्होंने 1,500 किलोमीटर की पदयात्रा की। उन्होंने इस यात्रा के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भरा। इसके परिणामस्वरूप, बीजेपी ने हैदराबाद की ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया और दो उपचुनावों में जीत दर्ज की।

राष्ट्रीय मंच पर उन्नति

राष्ट्रीय मंच पर उन्नति

बंदी संजय की मेहनत और अभूतपूर्व प्रदर्शन को मान्यता मिली जब उन्हें 2023 में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर नियुक्त किया गया। इसके साथ ही, कुछ महीनों के भीतर, उन्होंने अपने काम और समर्पण के बल पर केंद्रीय मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं और उनके परिवार ने करीमनगर में भव्य स्वागत किया।

परिवार और निजी जीवन

बंदी संजय का परिवार उनके इस सफर में हमेशा उनके साथ खड़ा रहा है। खासकर उनकी पत्नी, बंदी अपर्णा, ने उनके हर कदम पर समर्थन दिया। उनके केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर अपर्णा ने करीमनगर की जनता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेतृत्व का धन्यवाद अदा किया।

समाज और सर्वांगीण विकास के प्रति प्रतिबद्धता

संजय के राजनीतिक सफर का एक प्रमुख ध्येय है समाज की सेवा और सर्वांगीण विकास। उन्होंने अपने कई भाषणों और कार्यों में जनता के हितों को सर्वोपरि रखा है। उनकी पदयात्रा 'प्रजा संग्राम यात्रा' का मुख्य उद्देश्य जनता की समस्याओं को समझना और उनकी आवाज को प्रमुखता के साथ उठाना था।

आरएसएस और अन्य संगठनों के साथ संबंध

बंदी संजय के आरएसएस के साथ लंबे समय से संबंध रहे हैं। उन्होंने आरएसएस की विद्यार्थी परिषद 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' के साथ भी सक्रिय भूमिका निभाई है। बतौर आरएसएस स्वयंसेवक, उन्होंने कई सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और समाज सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।

आगे की योजनाएं और सपने

आगे की योजनाएं और सपने

बंदी संजय का सफर यहाँ समाप्त नहीं होता। उनके पास कई बड़ी योजनाएं हैं जिनसे वे अपने क्षेत्र और देश को लाभान्वित करना चाहते हैं। उनका दृढ़ विश्वास है कि मेहनत और ईमानदारी से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। वे अपनी जिम्मेदारियों को दिये गये भरोसे के अनुरूप निभाने के लिए तत्पर रहते हैं।