तेलंगाना राज्य अपने गठन की दसवीं वर्षगांठ को भव्यता और धूमधाम के साथ मना रहा है। सुबह की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शहीद स्मारक पर जाकर उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने राज्य के गठन के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। सुबह 9:30 बजे मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों ने शहीद स्मारक पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उसके बाद परेड ग्राउंड की ओर प्रस्थान किया।
परेड ग्राउंड पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का कार्यक्रम प्रातः 10:00 बजे हुआ, जिसके बाद तेलंगाना का आधिकारिक गान गाया गया। इस अवसर पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का एक वीडियो संदेश भी चलाया गया जिसमें उन्होंने राज्य के गठन को 'राज्य और उसके लोगों' की एक बड़ी जीत बताया। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पिछले दस वर्षों में राज्य द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
साँझ होते ही टैंक बंड पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इन कार्यक्रमों में तेलंगाना की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, लोक नृत्य और संगीत का प्रदर्शन होगा। तेलंगाना के हस्तशिल्प के विभिन्न स्टाल्स, और पारंपरिक व्यंजन भी इस समारोह का आकर्षण होंगे। मुख्यमंत्री स्वयं इन स्टालों का दौरा करेंगे और वहाँ की तैयारियों का जायज़ा लेंगे।
इस प्रकार की विस्तृत और समर्पित कार्यक्रमों के साथ, राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक इस गौरवपूर्ण क्षण का हिस्सा बने। पूरे राज्य में खुशी और जश्न का माहौल है और लोग इस महत्वपूर्ण अवसर का आनंद उठा रहे हैं।
तेलंगाना राज्य के गठन को दस वर्ष पूरे हो चुके हैं और इस समयावधि में राज्य ने कई उल्लेखनीय प्रगति और विकास की ऊँचाइयों को छुआ है। कृषि, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में, तेलंगाना ने अपने नागरिकों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के लिए कई नवाचारी योजनाओं का कार्यान्वयन किया है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में सिंचाई परियोजनाओं के विकास ने कृषि किफायती बना दिया है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं, जिसने राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिससे आम जनता को लाभ हो रहा है।
तेलंगाना राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए भी सरकार द्वारा प्रयत्नशीलता से काम किया गया है। राज्यभर में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और मेलों का आयोजन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। संस्कृति और परंपराओं के प्रति आम जनता में जागरूकता और गौरव की भावना को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई सांस्कृतिक उत्सवों और मेलों का आयोजन किया है। इन कार्यक्रमों ने न केवल राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपनी जड़ों के साथ जुड़ने का अवसर दिया है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से तेलंगाना की नई पीढ़ी को राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से परिचित कराया जा रहा है। लोक नृत्य, लोक संगीत, हस्तशिल्प और पारंपरिक कला का प्रदर्शन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
तेलंगाना में महिला सशक्तिकरण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। राज्य सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जिनका उद्देश्य उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है और वे आत्मनिर्भर बन रही हैं।
इसके अलावा, राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई पहल की गई हैं, जिससे राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में नए स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है, जिससे शिक्षा का स्तर ऊंचा हुआ है।
राज्य सरकार ने तेलंगाना के औद्योगिक विकास पर विशेष ध्यान दिया है। नई औद्योगिक नीति के तहत निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन दिए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप राज्य में कई नए उद्योग स्थापित हुए हैं, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं। पर्यटन के विकास से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है और स्थानीय उद्योगों को भी लाभ हो रहा है।
इस प्रकार, तेलंगाना राज्यhood दिवस का यह महोत्सव उन सभी उपलब्धियों और प्रगति को दर्शाता है, जो राज्य ने पिछले दस वर्षों में हासिल की है। यह दिन प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का अवसर है और भविष्य में और भी बड़ी सफलताओं का प्रतीक है।