Adani Power का ऐतिहासिक 1:5 स्टॉक स्प्लिट
22 सितंबर 2025 को भारतीय निजी थर्मल पॉवर सेक्टर के दिग्गज, Adani Power ने अपनी पहली Adani Power स्टॉक स्प्लिट लागू की। इस कार्रवाई में वर्तमान में ₹10 फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर को पाँच बराबर हिस्सों में बाँटा गया, जिससे नए शेयर की फेस वैल्यू ₹2 रह गई। शेयरधारकों को वही अधिकार मिला, केवल शेयरों की संख्या बढ़ी।
स्प्लिट से पहले शुक्रवार को शेयर की क्लोजिंग कीमत ₹709.05 थी। स्प्लिट के बाद तकनीकी रूप से इस कीमत को पाँच से भाग देने पर ₹141.81 हो गया, यानी प्रति शेयर कीमत में लगभग पाँच गुना कमी। लेकिन कुल निवेश मूल्य, अर्थात् शेयरधारक की हिस्सेदारी का मार्केट वैल्यू, वैसे ही रहा। इस बदलाव को शेयरधारकों को पोस्टल बालट के माध्यम से मंजूरी मिली थी, और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने इसे रिटेल निवेशकों की पहुंच आसान बनाने के उद्देश्य से प्रस्तावित किया।
स्प्लिट के साथ कंपनी ने अपने मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन की कैपिटल क्लॉज़ को भी नए शेयर कैपिटल स्ट्रक्चर के अनुरूप संशोधित किया। रिकॉर्ड डेट पर यानी 22 सितंबर 2025 को शेयरधारकों की डीमैट खातों में नई संख्या के शेयर तुरंत अपडेट हो गए।
रिटेल निवेशकों और बाजार की संभावनाएँ
इस तरह के कॉरपोरेट एक्शन को बाजार में आम तौर पर सकारात्मक देखा जाता है, क्योंकि यह लिक्विडिटी बढ़ाता है और छोटे निवेशकों को शेयर खरीदने में प्रेरित करता है। Adani Power की इस स्प्लिट के बाद, संभावित प्रभावों को हम दो मुख्य बिंदुओं में बाँट सकते हैं:
- रिटेल निवेशकों के लिए प्रवेश बाधा कम होना – ₹141 के आसपास की कीमत छोटे निवेशकों को आकर्षित कर सकती है, जिससे शेयर की फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस बढ़ेगी।
- ट्रेडिंग वॉल्यूम में संभावित वृद्धि – अधिक शेयरों की उपलब्धता के कारण दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम में उछाल की संभावना है, जो कूपन मार्केट और डेरिवेटिव्स पर भी असर डालेगा।
Adani समूह के भीतर यह स्प्लिट कोई नया नहीं है। पहले Adani Ports ने 2010 में और Adani Enterprises ने 2004 में इसी तरह के कदम उठाए थे। समूह की रणनीति स्पष्ट है: शेयर को सुलभ बनाकर निवेशक वर्ग को विस्तृत करना और बाजार में अधिक सक्रियता लाना।
वर्तमान में, समूह में प्रमोटरों का होल्डिंग 74.96% है, जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का हिस्सा 12.46% है। यह ढांचा दर्शाता है कि प्रमोटर अभी भी कंपनी की दिशा तय करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, पर फॉरेन इन्वेस्टर्स भी एक महत्वपूर्ण भागीदारी रखते हैं।
कुछ ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर स्प्लिट के तुरंत बाद कीमत का अंतर दिखने पर भ्रम हो सकता है, क्योंकि तकनीकी रूप से प्राइस एडजस्टमेंट अभी अपडेट नहीं हुई होती। ऐसे में अस्थायी रूप से निवेशकों को बड़े नुक़सान दिख सकते हैं, पर यह केवल सिस्टम का अस्थायी त्रुटि है और जल्द ही ठीक हो जाएगा।
संक्षेप में, Adani Power का यह 1:5 स्टॉक स्प्लिट न केवल शेयर को रिटेल निवेशकों के लिए किफ़ायती बनाता है, बल्कि कंपनी के कुल मार्केट कैपिटल या शेयरधारकों के मौजूदा पोर्टफ़ोलियो को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। यह कदम भारतीय स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने और निवेशक सहभागिता को प्रोत्साहित करने के दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
Balaji Srinivasan
सितंबर 23, 2025 AT 07:06Adani Power का स्प्लिट निवेशकों के लिए एक बढ़िया कदम लगता है। छोटे ट्रेडर्स अब आसानी से एंट्री ले सकते हैं, और मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ेगी। यह बदलाव कंपनी की पारदर्शिता भी दर्शाता है।
Hariprasath P
सितंबर 23, 2025 AT 22:40सच कहूँ तो इस 1:5 स्प्लिट के पीछे की रणनीति बहुत ही उन्नत है, लेकिन आम जनता के लिये ये थोड़ा जटिल लग सकता है। ऐसे जटिल कारपोरेट मोव्स को समझना मुश्किल है, और कई लोग पह्ला ही भ्रमित हो जाते हैं।
Vibhor Jain
सितंबर 24, 2025 AT 15:20स्प्लिट केवल कीमत को दिखाने के लिए है, असली मूल्य तो वैसा ही रहता है।
Rashi Nirmaan
सितंबर 25, 2025 AT 08:00देश के आर्थिक स्वावलंबन को बढ़ावा देने वाले इस कदम को सराहा जाना चाहिए। भारतीय कंपनियों को ऐसे कदमों से निवेशकों का विश्वास जीतना चाहिए। विदेशी पूँजी की भागीदारी भी संतुलित रहनी चाहिए। यह राष्ट्रीय हित के अनुरूप है।
Ashutosh Kumar Gupta
सितंबर 26, 2025 AT 00:40कौन सोचता है कि एक बड़ी कंपनी इतने छोटे रिटेलियों को आकर्षित करने के लिए खुद को ‘सस्ता’ बना रही है? यह बिल्कुल भी नाटक नहीं, बल्कि बाजार को गढ़ने की एक चाल है। इतना ही नहीं, यह अन्य छोटे कंपनियों को भी ऐसी ही रणनीति अपनाने पर मजबूर कर देगा।
fatima blakemore
सितंबर 26, 2025 AT 17:20मैं तो मानती हूँ कि शेयर स्प्लिट का असली मकसद लोगों को निवेश की राह दिखाना है। छोटा प्राइस देखकर कई नौजवान लॉन्ग टर्म सोच से दूर हो सकते हैं, पर अगर समझें तो ये एक सीख है। तो चलो, अपना पोर्टफोलियो प्लान में थोड़ा बदलाव करें।
vikash kumar
सितंबर 27, 2025 AT 10:00वित्तीय संरचना के दृष्टिकोण से 1:5 स्प्लिट का प्रभाव सम्मोहक है; यह शेयरधारकों को तरलता प्रदान करता है, जबकि कंपनी की मूलभूत价值 अपरिवर्तित रहती है। इस प्रकार की रणनीति केवल समझदार निवेशकों द्वारा ही सराही जा सकती है।
Anurag Narayan Rai
सितंबर 28, 2025 AT 02:40Adani Power का 1:5 स्प्लिट वास्तव में एक रणनीतिक कदम है, जिसे कई पहलुओं से विश्लेषित किया जा सकता है। सबसे पहले, इस प्रकार की स्प्लिट छोटे निवेशकों के लिए एंट्री बैंड को काफी कम करती है, जिससे वे कम पूँजी से ही शेयर खरीद सकते हैं। दूसरी ओर, शेयरों की कुल संख्या बढ़ने से दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम पर सकारात्मक असर पड़ता है, क्योंकि अधिक शेयर उपलब्ध होते हैं। इसके अलावा, बाजार में तरलता बढ़ने से bid-ask स्प्रेड संकुचित हो सकता है, जिससे ट्रेडिंग की लागत घटती है। फिर भी, यह ध्यान देने योग्य है कि कीमत में गिरावट को कभी-कभी निवेशकों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर असर पड़ता है, क्योंकि वे उसे नुकसान के रूप में देख सकते हैं। इस भ्रम को दूर करने के लिए कंपनियों को उचित समय पर तकनीकी मूल्य समायोजन का उचित संचार करना चाहिए। इस स्प्लिट के बाद, कंपनी की मार्केट कैपिटल में कोई वास्तविक परिवर्तन नहीं हुआ, क्योंकि कुल शेयर घनत्व वही रह गई है। तो यह स्पष्ट है कि स्प्लिट केवल शेयर्स की संख्या को बदलता है, मूल्य को नहीं। निवेशकों के दृष्टिकोण से, यदि वे अपनी होल्डिंग को बनाए रखते हैं, तो उनका पोर्टफोलियो वैल्यू स्थिर रहेगी। परन्तु, नए निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक अवसर हो सकता है, क्योंकि कम कीमत पर वे अधिक शेयर खरीद सकते हैं। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि कंपनी के प्रमोटर की बड़ी हिस्सेदारी अभी भी बनी हुई है, जिससे फैंस को यह आश्वासन मिलता है कि कंपनी की दिशा में स्थिरता है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के हिस्से को देखते हुए, यह स्प्लिट उन्हें भी आकर्षित कर सकता है, क्योंकि कम कीमत पर वे बेहतर एंट्री पॉइंट देख सकते हैं। हालांकि, कुछ निवेशकों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि स्प्लिट के बाद कंपनी के फंडामेंटल्स को समझें, न कि केवल प्राइस को देखते हुए निर्णय लें। अंत में, यह कहा जा सकता है कि स्टॉक स्प्लिट का मुख्य उद्देश्य बाजार को अधिक समावेशी बनाना है, जिससे हर वर्ग के निवेशकों को भाग लेने की समान अवसर मिल सके। यही कारण है कि इस प्रकार की कार्रवाई को बाजार में सामान्यतः सकारात्मक रूप में देखा जाता है।
Sandhya Mohan
सितंबर 28, 2025 AT 19:20बिल्कुल सही कहा आपने, शेयर स्प्लिट केवल संख्या में बदलाव नहीं, बल्कि निवेशकों की सोच को भी नया दिशा देता है।
Prakash Dwivedi
सितंबर 29, 2025 AT 12:00स्प्लिट की इस दार्शनिक समझ के पीछे शायद कंपनी का वास्तविक लक्ष्य अल्पकालिक ट्रेडिंग को बढ़ावा देना है, जो थोड़ी निराशाजनक लगती है।
Rajbir Singh
सितंबर 30, 2025 AT 04:40आपकी बात से सहमत हूँ, लेकिन यह भी याद रखें कि ऐसी कार्रवाई से वास्तव में कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति कैसे बदलती है।
Swetha Brungi
सितंबर 30, 2025 AT 21:20ऐसे सवालों का जवाब देने के लिए हमें कंपनी के फंडामेंटल डेटा को देखना चाहिए; तभी हम सही निर्णय ले पाएंगे और अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बना सकेंगे।