भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने एक बार फिर अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है। विश्व की तीसरी वरीयता प्राप्त इस भारतीय जोड़ी ने थाईलैंड ओपन सुपर 500 टूर्नामेंट के पुरुष युगल वर्ग का खिताब अपने नाम किया है।
फाइनल मुकाबले में सात्विक और चिराग का सामना चीन के चेन बो यांग और लियू यी की जोड़ी से था। भारतीय जोड़ी ने अपने अनुभव और बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए चीनी जोड़ी को 21-15, 21-15 के सीधे गेमों में पराजित किया। यह सात्विक और चिराग के करियर का नौवां BWF वर्ल्ड टूर खिताब है।
हाल के समय में सात्विक और चिराग को कुछ निराशाओं का सामना करना पड़ा था। ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में उन्हें दूसरे दौर में हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा सात्विक की चोट के कारण वे एशिया चैंपियनशिप में भी हिस्सा नहीं ले पाए थे। थॉमस कप अभियान में भी उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा और उन्हें कुछ करीबी मुकाबलों में हार झेलनी पड़ी।
थाईलैंड ओपन में हालांकि सात्विक और चिराग का प्रदर्शन शानदार रहा। फाइनल तक पहुंचने तक उन्होंने एक भी गेम नहीं गंवाया था और खिताबी मुकाबले में भी वे पूरी तरह से दबदबा बनाए रखने में सफल रहे। उन्होंने शुरू से ही दोनों गेम में बढ़त बनाए रखी और अपने शॉट्स, सर्विस और स्मैश के दम पर आसानी से जीत दर्ज की।
यह जीत आगामी पेरिस ओलंपिक से पहले सात्विक और चिराग के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। बैंकॉक उनके लिए खास जगह रही है जहां उन्होंने अपना पहला सुपर सीरीज़ खिताब जीता था और पिछले साल थॉमस कप की विजेता टीम का भी हिस्सा थे।
अपनी इस जीत के बाद सात्विक और चिराग ने कहा, "यह हमारे लिए एक अहम जीत है। थाईलैंड में खिताब जीतना हमेशा खास रहा है। हाल में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिले लेकिन हमने कड़ी मेहनत जारी रखी। हमारा लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना है और यह जीत उस दिशा में एक अहम कदम है।"
सात्विक और चिराग की जोड़ी पिछले कुछ वर्षों में लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कई प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पदक जीते हैं और विश्व रैंकिंग में भी लगातार सुधार किया है। भारतीय बैडमिंटन के लिए वे एक उज्ज्वल भविष्य के प्रतीक हैं।
उनकी इस जीत पर भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष हिमंत बिस्वा सरमा ने भी बधाई दी। उन्होंने कहा, "सात्विक और चिराग लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मेहनत और लगन देखते ही बनती है। मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले समय में वे और कई खिताब अपने नाम करेंगे और ओलंपिक में भी अपना लोहा मनवाएंगे।"
भारतीय बैडमिंटन के लिए यह एक गर्व का क्षण है। सात्विक और चिराग जैसे युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के दम पर भारत आने वाले समय में वैश्विक बैडमिंटन में एक बड़ी ताकत बनकर उभरेगा। उनके प्रदर्शन से युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी और भारत में इस खेल को और अधिक लोकप्रियता मिलने की उम्मीद है।
हमें उम्मीद करनी चाहिए कि सात्विक और चिराग इसी तरह शानदार प्रदर्शन करते रहेंगे और भविष्य में भी कई बड़ी उपलब्धियां हासिल करेंगे। उनके खेल में निखार और अनुभव के साथ वे और भी बेहतर होते जाएंगे। भारतीय खेल प्रेमियों को उनसे बहुत उम्मीदें हैं और वे निश्चित रूप से उनपर खरा उतरने में कामयाब होंगे।