मुंबई में सीएनजी की कीमत एक दिन में ₹1.29 घटकर ₹77.00 प्रति किलोग्राम हो गई — लेकिन यह कमी किसी सुखद खबर नहीं थी। नवंबर 17, 2025 को शहर के 486 सीएनजी स्टेशन अचानक बंद हो गए, क्योंकि गैल (GAIL) का एक पाइपलाइन एक केमिकल प्लांट में खराब हो गया। यह खराबी न सिर्फ ईंधन की आपूर्ति रोक रही थी, बल्कि शहर की दैनिक जीवन रेखा — ऑटोरिक्शा, टैक्सी और सीएनजी वाहन — को अटका रही थी। महानगर गैस लिमिटेड (MGL) ने आश्वासन दिया कि आपूर्ति 18 नवंबर, दोपहर तक बहाल हो जाएगी।
पाइपलाइन खराबी और आपूर्ति बंद
खराबी का कारण था गैल (GAIL) का एक प्राथमिक पाइपलाइन, जो वाडाला सीजीएस स्टेशन तक गैस पहुंचाता था। यह स्टेशन मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई के लिए एक गैस गेटवे है। जब पाइपलाइन खराब हुआ, तो सभी स्टेशनों पर गैस की आपूर्ति बंद हो गई। महानगर गैस लिमिटेड (MGL) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इस दौरान घरेलू पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) की आपूर्ति को प्राथमिकता दी जा रही है। यानी घरों में रोशनी और खाना पकाने के लिए गैस बरकरार रही, लेकिन वाहनों के लिए सीएनजी बंद।
क्या हुआ वाहन चलाने वालों के साथ?
शहर के लगभग 3 लाख ऑटोरिक्शा और टैक्सी अचानक अटक गए। ऑला और उबर जैसी राइड-हेलिंग कंपनियां अपने वाहनों का एक बड़ा हिस्सा खो चुकी थीं। कुछ ड्राइवर्स ने पेट्रोल वाले वाहनों का इस्तेमाल किया, लेकिन ज्यादातर टैक्सी अब पेट्रोल विकल्प के बिना ही बनाई गई हैं — इसलिए वे बिल्कुल चल नहीं पा रही थीं। एक पेट्रोल पंप डीलर ने बताया, "कई कैब्स ऑला-उबर वाली, जिन्हें पेट्रोल का विकल्प नहीं दिया गया, वे बिल्कुल रोड पर नहीं आ पा रही थीं।"
शशांक राव, मुंबई ऑटोरिक्शा-टैक्सीमेन एसोसिएशन के नेता, ने महाराष्ट्र विधानसभा के विधायक प्रताप सर्नाइक को एक पत्र लिखकर मांग की कि MGL ड्राइवर्स को दो दिन के आय का क्षतिपूर्ति दे। "हमारे ड्राइवर्स दिन भर बैठे रहे। उनकी दो दिन की कमाई गायब हो गई। यह कोई छोटी बात नहीं," उन्होंने कहा।
कीमतों में भ्रम: ₹77 या ₹94.90?
यहां एक अजीब बात है — कुछ स्रोतों के मुताबिक सीएनजी की कीमत ₹77.00 प्रति किलोग्राम थी, जबकि दूसरे स्रोतों ने ₹94.90 का दावा किया। इंडिया टुडे और गुडरिटर्न्स ने ₹77.00 की पुष्टि की, जबकि V3Cars ने 15 नवंबर तक ₹94.90 की कीमत दर्ज की थी। यह अंतर क्यों? शायद एक बार जब पाइपलाइन खराब हुआ, तो स्टेशनों पर बची हुई गैस की कीमत बढ़ गई — और फिर जब आपूर्ति बंद हुई, तो बाजार में अस्थायी भ्रम पैदा हुआ।
नोएडा और दिल्ली के आसपास कीमतें बढ़ीं
जबकि मुंबई में कीमतें स्थिर रहीं, इंद्रप्रस्था गैस लिमिटेड (IGL) ने 16 नवंबर को सुबह 6 बजे से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, घाजीपुर, मेरठ और मुजफ्फरनगर में सीएनजी की कीमत ₹1 प्रति किलोग्राम बढ़ा दी। नोएडा और घाजीपुर में कीमत ₹84.70 से बढ़कर ₹85.70 हो गई। कानपुर में ₹87.92 से बढ़कर ₹88.92 हुई। दिल्ली अभी भी ₹77.09 पर था — लगभग मुंबई के बराबर। लेकिन पंजाब के पाथानकोट में यह कीमत केवल ₹71.53 थी — देश की सबसे सस्ती।
क्यों यह बात बड़ी है?
मुंबई के लगभग 60% ऑटोरिक्शा और 40% टैक्सी सीएनजी से चलती हैं। यह न सिर्फ एक ईंधन की कमी है — यह शहर की आवागमन व्यवस्था का एक अहम तार है। जब यह तार टूटता है, तो लाखों लोग रोज की यात्रा में अटक जाते हैं। यह घटना यह भी दिखाती है कि हम कितने नाजुक ढांचे पर निर्भर हैं। एक एकल पाइपलाइन की खराबी ने पूरे शहर की आर्थिक गतिविधियों को रोक दिया।
अगला कदम क्या है?
MGL का दावा है कि 18 नवंबर दोपहर तक आपूर्ति बहाल हो जाएगी। लेकिन लोग पूछ रहे हैं — यह घटना फिर क्यों हुई? क्या यह बार-बार होगी? विशेषज्ञों का कहना है कि पाइपलाइन का निर्माण और निरीक्षण अक्सर बजट कम होने के कारण नजरअंदाज हो जाता है। जब एक पाइपलाइन एक केमिकल प्लांट के अंदर से गुजरता है, तो उसकी सुरक्षा और निरीक्षण की जिम्मेदारी अक्सर स्पष्ट नहीं होती।
इतिहास और भविष्य
नवंबर 2025 में मुंबई में सीएनजी की कीमत ₹77 और ₹78 के बीच ही रही। लेकिन यह घटना एक चेतावनी है। पिछले तीन वर्षों में, मुंबई में तीन बार सीएनजी आपूर्ति बंद हुई — 2023 में एक ट्रक दुर्घटना के कारण, 2024 में एक अचानक बिजली कटौती के कारण, और अब यह। इस बार की खराबी अधिक गंभीर है, क्योंकि यह एक पाइपलाइन की तकनीकी विफलता है।
क्या यह सिर्फ एक अस्थायी बाधा है? या यह शहर की ऊर्जा नीति के अंदर गहरी खाई का संकेत है? यही सवाल अब निर्णायक हो गए हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यह सीएनजी बंदी किस तरह से सामान्य नागरिकों को प्रभावित कर रही है?
सीएनजी की कमी से लाखों ऑटो और टैक्सी रोड पर नहीं आ पा रही हैं, जिससे लोगों को बाइक, पब्लिक ट्रांसपोर्ट या कार शेयरिंग पर जाना पड़ रहा है। राइड-हेलिंग ऐप्स पर सर्ज प्राइसिंग शुरू हो गई है, जिससे दैनिक यात्रा का खर्च 30-50% बढ़ गया है। बहुत से लोग अपनी नौकरी या बच्चों के स्कूल की यात्रा में देरी कर रहे हैं।
MGL ने घरेलू गैस को प्राथमिकता क्यों दी?
पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) घरों में खाना पकाने और गर्म पानी के लिए इस्तेमाल होती है। यह एक जीवन-अनिवार्य सेवा है — जबकि सीएनजी एक व्यावसायिक विकल्प है। यह नीति आपूर्ति संकट में सामाजिक स्थिरता बनाए रखने के लिए है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि वाहन चलाने वालों की जरूरत नहीं है — बस प्राथमिकता बदल गई है।
क्या इस बार ड्राइवर्स को क्षतिपूर्ति मिलेगी?
अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। MGL ने कहा है कि यह एक अप्रत्याशित तकनीकी खराबी थी, इसलिए क्षतिपूर्ति का विचार नहीं किया जा रहा। लेकिन ड्राइवर्स के संघ ने विधानसभा को याचिका दी है। अगर राज्य सरकार दबाव बनाती है, तो एक बार फिर राहत योजना शुरू हो सकती है — जैसा 2023 में हुआ था।
क्या अन्य शहरों में भी ऐसा हो सकता है?
हां। दिल्ली, नोएडा और बैंगलोर में भी पाइपलाइन नेटवर्क एक ही तरह के हैं — अक्सर पुराने, और निरीक्षण कम होता है। नोएडा में हाल ही में कीमत बढ़ने का अर्थ यह भी है कि आपूर्ति कम हो रही है। अगर एक शहर में खराबी हो जाए, तो दूसरे शहरों में भी दबाव बढ़ जाता है।
सीएनजी की कीमत क्यों अलग-अलग शहरों में अलग है?
कीमतें निर्भर करती हैं गैस के आयात, पाइपलाइन लागत, डिस्ट्रीब्यूशन खर्च और राज्य सरकारों के नीति निर्धारण पर। मुंबई में MGL एक अकेला वितरक है, जबकि दिल्ली में IGL और BGCL दोनों हैं। यह अलग-अलग नियंत्रण और लागत संरचनाएं हैं। पाथानकोट में कीमत कम है क्योंकि यहां गैस का आयात सीधा है और डिस्ट्रीब्यूशन लागत कम है।
इस घटना के बाद क्या बदलाव आएंगे?
MGL ने कहा है कि वे पाइपलाइन की निरीक्षण आवृत्ति बढ़ाएंगे। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय के लिए, हमें गैस आपूर्ति के लिए एक बहु-स्रोती नेटवर्क बनाना होगा — जैसे दो अलग पाइपलाइन रूट्स या अस्थायी स्टोरेज टैंक। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो अगली बार यह घटना और भी गंभीर हो सकती है।