भारतीय पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर, जो केवल 22 वर्ष की हैं, ने पेरिस ओलंपिक में अपनी अद्वितीय प्रतिभा का परचम लहराया। उन्होंने ना केवल महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में बल्कि मिश्रित टीम इवेंट में भी कांस्य पदक जीते। इसके बावजूद, मनु ने अब अपनी तारीख निर्धारित की है, जिसमें वह खेल से तीन महीने का ब्रेक लेंगी।मनु भाकर ने प्रशिक्षण से थकान को दूर करने और मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया है।
मनु भाकर की इस निर्णय के पीछे उनके कोच जसपाल राणा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जसपाल राणा ने बताया कि मनु ने लगातार प्रशिक्षण लिया है, और इसका प्रभाव उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर पड़ा है। उन्होंने कहा, 'मैं निश्चित नहीं हूं कि वे अक्टूबर में शूटिंग विश्व कप में भाग लेंगी या नहीं, क्योंकि वह तीन महीने का ब्रेक ले रही हैं। यह सामान्य ब्रेक है, उसने लंबे समय से प्रशिक्षण किया है।' इस बात से यह साफ होता है कि मनु का स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति प्राथमिकता में हैं।
मनु भाकर और उनके कोच ने पहले से ही भविष्य की बड़ी प्रतिस्पर्धाओं के लिए अपनी रणनीति बनाई है। ब्रेक के बाद दोनों का लक्ष्य आगामी 2026 एशियाई खेलों और कॉमनवेल्थ गेम्स है। यह निर्णय केवल मनु की स्थिरता और प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है, साथ ही भविष्य में और भी बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए है।
पेरिस ओलंपिक में मनु के प्रदर्शन ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उनकी यह ऐतिहासिक उपलब्धि उनके करियर में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुई। उन्होंने अपनी शक्ति और कौशल का प्रदर्शन पूरी दुनिया के सामने किया और भारत को गर्व महसूस कराया।
नई दिल्ली में अक्टूबर 13 से 18 तक होने वाले शूटिंग विश्व कप में मनु भाकर की अनुपस्थिति भारतीय टीम के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। हालांकि, भारतीय निशानेबाजी संघ और टीम के अन्य सदस्यों ने मनु के निर्णय का समर्थन करते हुए अपनी तैयारियों को और कठोर बना लिया है।
मनु भाकर का ब्रेक लेना उन सभी खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो उच्च दबाव और निरंतर प्रशिक्षण की स्थिति में रहते हैं। यह जरूरी है कि खिलाड़ी समय-समय पर ब्रेक लें और अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत का ध्यान रखें।
मनु भाकर की सफलता और वर्तमान निर्णय न केवल उनकी व्यक्तिगत खेल यात्रा को संवारने में सहायक होंगे, बल्कि यह भारतीय निशानेबाजी के भविष्य के लिए भी एक प्रेरक कदम है। यह निश्चित है कि जब भी वह मैदान पर वापसी करेंगी, वह और भी अधिक ऊर्जा और उत्साह के साथ प्रदर्शन करेंगी।