जब क्रांती गौड़, स्पिन बॉलर ने तीन विकेट लिये, तो भारत महिला क्रिकेट टीम ने ICC Women's World Cup 2025 में कोलंबो के R. Premadasa International Cricket Stadium में पाकिस्तान को 88 रन से हराकर इतिहास लिख दिया। यह जीत न केवल समूह चरण में भारत को तालिका की चोटी पर ले गई, बल्कि दोनों देशों के बीच 12‑वाँ निरंतर ODI जीत का निशान भी बनी।
टूर्नामेंट की शुरुआती धूम मचा रही थी जब भारत ने शुरुआती मैच में सह-होस्ट श्रीलंका को 59 रन से मात दी थी। वहीं, पाकिस्तान का सफर कठिन था—उन्होंने पहले मुकाबले बांग्लादेश महिला टीम के हाथों कठोर हराने का सामना किया। इस परिदृश्य ने दोनों टीमों के बीच इस मैच को और भी झंझटभरा बना दिया।
रविवार, 5 अक्टूबर, 2025 को टॉस का चुनाव फातिमा सुन्ना, पाकिस्तान की कप्तान ने किया और उन्होंने फील्डिंग चुन ली। धीमी पिच ने भारतीय बुल्लियों को शुरुआती दबाव में डाल दिया, पर खुले मैदान पर स्मृति मंडाना और प्रतिका रावल ने 48 रन का शुरुआती साझेदारी बनाया। मंडाना 23 रन पर बाहर गईं, जबकि रावल 31 पर तब्बर घातक डिलीवरी से बाहर हो गईं।
बीच के क्रम में हरलीन देओल ने 46 रन की सबसे बड़ी स्कोर बनाते हुए टीम को स्थिर किया, लेकिन उनका हिटिंग पैटर्न डॉट बॉल्स से भरपूर रहा। हरमनप्रीत कौर, कप्तान, जल्दी फेंकी गईं, जिससे इनिंग के मध्य में तनाव बढ़ गया। इसके बाद जेमीमा रोड्रिग्ज़ ने 32 तेज़ रन जोड़े, जो टीम को दोहराने योग्य लक्ष्य की ओर ले गये।
परिणाम का मोड़ आया जब सलाख पर रिचा घोष, विकेट‑कीपर, ने आठवें क्रमांक पर चलकर 35* रन 20 गेंदों में बनाए। उनका "फ्लश" भारतीय आंकड़े को 247 तक पहुंचा, जिससे पाकिस्तान के लिए लक्ष्य बहुत बड़ा हो गया।
बॉलिंग में गौड़ की तीन विकेट की भारतीय टीम ने सही समय पर ली, जो पाकिस्तान की रन‑बिल्डिंग को टुकड़ा‑टुकड़ा कर दिया। उनके बाद दीप्ती शर्मा और जावेद जाफ़र ने क्रमशः एक‑एक विकेट लिये, जिससे भारत की गेंदबाज़ी का दाब लगातार बना रहा।
पाकिस्तान ने 248 रन का बड़ा लक्ष्य देखते हुए शुरूआत में मजबूत दिखने की कोशिश की, पर शुरुआती आउट्स ने उनका भरोसा तोड़ दिया। सिद्रा अमीन ने 81 रन (106 बॉल) का शानदार प्रयास करके टीम को बचाने की कोशिश की। उनका पास 69‑रन का साझेदारी नतालिया पर्वेज़ के साथ हुआ, जो 30‑30‑30 की गति से चल रहा था। पर्वेज़ के आउट होते ही दबाव दोगुना हो गया, और अमीन को अकेले ही जीत की आशा लेनी पड़ी।
गौड़ के अनुक्रम में, भारत की गति से फील्डिंग भी कभी‑कभी नज़र चढ़ती रही; कुछ फील्डिंग गलतियों ने शुरुआती ओवर में पाकिस्तान को थोड़ी राहत दिला दी, पर कुल मिलाकर गेंदबाज़ी ने ही मैच का संतुलन बनाया। अंत में पाकिस्तान 159/10 पर 43 ओवर में आकाश में उड़ा दिया गया, जिससे भारत ने 88 रन से जीत हासिल की।
यह जीत सिर्फ अंक तालिका में बढ़त नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक जीत भी थी। भारत ने अब तक पाकिस्तान के विरुद्ध ODI में 12 जीतें जमा ली हैं—एक रिकॉर्ड जो दोनों देशों के बीच क्रिकेट मित्रता के इतिहास में हमेशा याद रहेगा। साथ ही, गौड़ की प्रभावी स्पिन ने भारतीय बॉलिंग की गहराई को उजागर किया, जिससे टीम के संतुलन की नई संभावनाएँ सामने आईं।
दूसरी ओर, पाकिस्तान को अपनी बॉलिंग रणनीति और मध्य‑क्रम की स्थिरता पर पुनर्विचार करना पड़ेगा। जहाँ अमीन ने लारा लहराया, वहीं टीम के बाकी हिस्से को निरंतर दबाव बनाने की जरूरत है। आगामी ग्रुप मैचों में यदि वे अपनी लकीर नहीं सुधरते, तो टॉप‑फ़ाइल में जगह पाना कठिन हो सकता है।
टॉस के बाद दोनों टीमों के कप्तानों ने 'नो‑हैंडशेक' प्रोटोकॉल अपनाया, जो पिछले कई मुकाबलों में जारी रहा है। यह कूटनीतिक तनाव खेल में अतिरिक्त तीव्रता जोड़ता है, पर साथ ही दर्शकों को भी एक अलग ही ऊर्जा प्रदान करता है।
भारत को दो अंक मिलेंगे, जिससे वे तालिका की प्रथम पंक्ति में पहुंचेंगे। यह पॉइंट डिफरेंस को भी बढ़ाता है, जिससे आगे के मुकाबलों में टाई‑ब्रेक में फायदा रहेगा।
गौड़ ने अब तक दो मैचों में कुल 5 विकेट हासिल किए हैं, औसत 22.4 रन प्रति ओवर। उनकी स्पिन ने भारतीय बॉलिंग को विविधता दी है, विशेषकर मध्य‑क्रम की पिच पर।
सिद्रा अमीन ने 81 रन बनाकर सबसे बड़ी स्कोरिंग कोशिश की, जबकि नतालिया पर्वेज़ ने 31 रन के साथ उनके साथ महत्वपूर्ण साझेदारी की। दोनों के अलावा कोई अन्य निरंतर स्कोर नहीं बना सका।
यह प्रोटोकॉल दोनों टीमों के बीच भावनात्मक तनाव बढ़ाता है, जिससे खिलाड़ियों के मनोबल में अतिरिक्त दबाव आता है। वही, दर्शकों के लिए यह एक अलग ड्रामा जोड़ता है, जिससे मैच की रोचकता बढ़ती है।
भारत को अगली दो हफ्तों में ऑस्ट्रेलिया महिला टीम का सामना करना है, जो टॉप‑फॉर्म में है और इस जीत का परीक्षण लेगी।