कर्नाटक में JD(S) नेता HD रेवण्णा अपहरण मामले में गिरफ्तार, पुत्र प्रज्वल रेवण्णा की तलाश जारी

मई, 5 2024

कर्नाटक की विशेष जांच टीम (SIT) ने 4 मई, 2024 को मैसूर जिले के के.आर. नगर क्षेत्र में दर्ज अपहरण के एक मामले के संबंध में जनता दल (सेक्युलर) के विधायक एच.डी. रेवण्णा को गिरफ्तार किया। इस मामले में उनका पुत्र और संसद सदस्य प्रज्वल रेवण्णा भी आरोपी है, जिन्हें कई यौन उत्पीड़न के आरोपों में शामिल पाया गया है और वर्तमान में फरार चल रहे हैं। पीड़िता को मैसूर जिले के हुंसूर में एक फार्महाउस से बरामद कर बेंगलुरु लाया गया था।

सीएम सिद्धरमैया को सूचित करते हुए, SIT ने बताया कि वे प्रज्वल रेवण्णा का पता लगाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से ब्लू कॉर्नर नोटिस का अनुरोध करने का इरादा रखते हैं। महत्वपूर्ण रूप से, मामले की जांच के दौरान SIT ने हसन जिले में होलेनरसीपुर में स्थित HD रेवण्णा के निवास पर भी जांच की, जहाँ कथित अपराध हुआ था। इस दौरान पीड़िता और उसकी माँ, जिन्होंने प्रज्वल और एच.डी. रेवण्णा के विरुद्ध शिकायत दर्ज की थी, SIT अधिकारियों के साथ थीं।

एच.डी. रेवण्णा की पत्नी भवानी रेवण्णा को भी SIT द्वारा पूछताछ के लिए जब आवश्यक हो, उपस्थित होने का नोटिस जारी किया गया है। इस घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय समाज में बल्कि राजनीतिक परिस्थितियों में भी हलचल मचा दी है। जनता और मीडिया की निगाहें इस केस पर टिकी हुई हैं, क्योंकि यह मामला न केवल एक प्रमुख राजनीतिक विभूति की छवि पर बल्कि उसके परिवारिक संबंधों पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।

15 टिप्पणि

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    Vrushali Prabhu

    मई 5, 2024 AT 09:58

    ये तो बड़ा झटका है, राजनीति में ऐसे केस आम नहीं होते।

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    parlan caem

    मई 5, 2024 AT 21:05

    भाई, इस तरह की साजिशें रोज़‑रोज़ दिखती हैं, लेकिन फिर भी जनता को झकझोर दिया जाता है। अब देखेंगे सिटी में क्या उकसा है, सच्चाई बाहर आएगी या नहीं, इस पर बहुत संदेह है।

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    Mayur Karanjkar

    मई 6, 2024 AT 08:12

    राजनीति और अपराध का मिश्रण अक्सर शक्ति संरचना को दर्शाता है; इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया को तेज़ चलना चाहिए।

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    Sara Khan M

    मई 6, 2024 AT 19:18

    यह खबर देख कर 😡 गुस्सा आया, ऐसे लोग जनता की थाली में जहर डालते रहते हैं।

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    shubham ingale

    मई 7, 2024 AT 06:25

    सच में बहुत गंदा खेल है बहुत गंदा खेल है

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    Ajay Ram

    मई 7, 2024 AT 17:32

    कर्नाटक में यह घटना केवल एक व्यक्तिगत अपहरण नहीं है, बल्कि एक व्यापक सामाजिक और राजनीतिक त्रुटि को उजागर करती है।
    सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि सार्वजनिक सेवा में रहने वाले लोगों को नैतिकता का प्रतिरूप माना जाता है, लेकिन यहां हम देखते हैं कि सत्ता के दायरे में ऐसे लोग भी व्यक्तिगत स्वार्थ और बुरे इरादों में फँस सकते हैं।
    यह मामला तब और भी गंभीर हो जाता है जब यह पता चलता है कि आरोपी का पुत्र, जो स्वयं एक संसद सदस्य है, यौन उत्पीड़न के मामलों में भी शामिल है और अब फरार है।
    यह न केवल पीड़िता के अधिकारों के उल्लंघन को दर्शाता है, बल्कि यह भी बतलाता है कि राजनीतिक शक्ति कैसे न्याय प्रक्रिया को बाधित कर सकती है।
    विकल्पों की बात करें तो, इस तरह के मामलों में प्रथम प्राथमिकता न्यायिक तंत्र को तेज़ और निष्पक्ष बनाना चाहिए, ताकि कोई भी वैध या अवैध शक्ति प्रभाव इस प्रक्रिया में बाधा न बन सके।
    साथ ही, पीड़ितों की सुरक्षा और उनकी आवाज़ को सुनने के लिये विशेष उपाय किए जाने चाहिए।
    इसी क्रम में, विशेष जांच टीम (SIT) ने प्रथम कदम उठाते हुए एच.डी. रेवण्णा को गिरफ्तार किया, जो प्रशंसनीय है, परन्तु यह पर्याप्त नहीं है।
    वहां से आगे, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के ब्लू कॉर्नर नोटिस का अनुरोध करना एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, पर यह तभी फलदायी होगा जब सभी संबंधित पक्ष पूर्ण सहयोग दें।
    समाज को भी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, विशेषकर सार्वजनिक मंचों पर इस तरह के दुराचार को उजागर करने और पीड़ितों के पक्ष में आवाज़ उठाने के लिये।
    अंत में, यह मामला हमें यह याद दिलाता है कि सच्ची लोकतांत्रिक व्यवस्था में शक्ति का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए और इस बात की गारंटी दी जानी चाहिए कि सत्ता की किसी भी सिलसिले में कानून का उल्लंघन न किया जाए।

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    Dr Nimit Shah

    मई 8, 2024 AT 04:38

    भाई, हमारी जनता को ऐसे फालतू राजनैतिक खेलों से थकाने की कोशिश नहीं कर सकते, देशभक्तों को जागरूक होना चाहिए।

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    Ketan Shah

    मई 8, 2024 AT 15:45

    यह केस सामाजिक बुनियाद की कमजोरियों को उजागर करता है, हमें मिलकर इस दुराचार को रोकना चाहिए।

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    Aryan Pawar

    मई 9, 2024 AT 02:52

    बहुत गम्भीर मामला है, पूरी जांच हो और जिम्मेदारों को सजा मिले।

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    Shritam Mohanty

    मई 9, 2024 AT 13:58

    ये सब तो पूरी तरह झूठी साजिश है, एलीट्स ने मिलके इसको फर्जी उतारा है ताकि जनता को डराया जा सके।

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    Anuj Panchal

    मई 10, 2024 AT 01:05

    सच्चाई तो तब सामने आएगी जब सभी स्वतंत्र संस्थाएँ इस पर निष्पक्ष जांच करें, तब ही भरोसा होगा।

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    Prakashchander Bhatt

    मई 10, 2024 AT 12:12

    हमें आशा है कि कानून का दण्ड ठीक समय पर मिलेगा, सबको सकारात्मक दिशा में सोचना चाहिए।

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    Mala Strahle

    मई 10, 2024 AT 23:18

    ऐसे मामलों में अक्सर पीड़ित का मनोवैज्ञानिक प्रभाव अनदेखा रहता है, इसलिए उचित काउंसेलिंग और समर्थन की जरूरत है।
    सिर्फ कानूनी कारवाई नहीं, बल्कि सामाजिक पुनरुद्धार भी आवश्यक है, जिससे भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
    समाज के सभी वर्गों को मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए, ताकि न्याय का अर्थ केवल दण्ड न हो, बल्कि पुनर्स्थापन भी हो।

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    shubham garg

    मई 11, 2024 AT 10:25

    एक बार फिर दिखा कि सच में सबका भरोसा सिर्फ शब्दों में रहता है।

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    LEO MOTTA ESCRITOR

    मई 11, 2024 AT 21:32

    चलो, अब खबरों का इंतजार छोड़कर हम अपने आसपास के छोटे‑छोटे इशारों पर ध्यान दें, वही बदलाव लाएगा।

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