England vs Zimbabwe 2025: ट्रेंट ब्रिज पर ऐतिहासिक चार दिवसीय टेस्ट की पूरी कहानी

मई, 23 2025

21 साल बाद इंग्लैंड बनाम जिम्बाब्वे: ट्रेंट ब्रिज की जंग

क्रिकेट फैंस को ऐसा नजारा बहुत कम देखने को मिलता है जब दो टीमें 21 साल बाद फिर टकराएँ। 2025 में इंग्लैंड और जिम्बाब्वे के बीच ट्रेंट ब्रिज, नॉटिंघम में हुआ चार दिवसीय टेस्ट सिर्फ स्कोरकार्ड का नहीं, बल्कि पुराने रिश्तों और क्रिकेट के बदलते माहौल का साक्षी बन गया। 22 से 25 मई तक चला यह मुकाबला इसलिए भी ख़ास रहा क्योंकि दोनों देशों ने 2004 के बाद पहली बार एक-दूसरे के खिलाफ कोई सीरीज खेली।

इंग्लैंड ने जबरदस्त अंदाज में शुरुआत की। टीम ने अपनी पहली पारी 565/6 रनों पर घोषित की। इस बड़े स्कोर की नींव मज़बूत ओपनिंग और मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजों ने रखी, मगर जैसे ही हैरी ब्रूक ने मैदान संभाला, दर्शकों की नजरें उनपर टिक गई। ब्रूक ने तेज़ पचासा लगाकर ना सिर्फ विरोधियों का आत्मविश्वास तोड़ा, बल्कि टीम को मनोवैज्ञानिक बढ़त भी दिलाई। उनके साथ अन्य खिलाड़ी भी टिके और साझेदारियाँ बनती गईं।

इस टेस्ट की अलग ही खासियत रही कि इंग्लैंड ने पारंपरिक पांच दिवसीय की जगह चार दिवसीय फॉर्मेट को चुना। वैसे तो ट्रेंट ब्रिज की पिच पर खेल का रुख मौसम के मुताबिक बदलता है, लेकिन रिपोर्ट्स में पिच या मौसम की कोई स्थायी जानकारी सामने नहीं आई। बावजूद इसके, ट्रेंट ब्रिज का ऐतिहासिक माहौल और इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट का अनुभव पूरी तरह मैदान पर झलकता रहा।

नए सितारे, पुराने तेवर: सैम कुक की पहली टेस्ट विकेट

जहां इंग्लैंड बल्लेबाजी में दमदार रहा, वहीं जिम्बाब्वे ने गेंद और बल्ले के साथ जबर्दस्त जज्बा दिखाया। इंग्लिश बॉलिंग यूनिट से सबसे नया चेहरा रहा सैम कुक का, जिन्होंने पहली बार टेस्ट कैप पहनकर सीधे विकेट चटका लिया। उनके लिए ये मैच हमेशा यादगार रहेगा, क्योंकि पहली ही सीरीज में अपनी टीम के लिए अहम भूमिका निभाना कोई छोटी बात नहीं।

दूसरी ओर, जिम्बाब्वे ने दबावट के बावजूद अच्छी प्रतिक्रिया दी। उनकी बल्लेबाजी में संयम था, लचीलापन था, और उन्होंने इंग्लैंड की पेस व स्पिन दोनों का डटकर सामना किया। कई खिलाड़ियों के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा अनुभव नहीं था, फिर भी उन्होंने दर्शाया कि वो किसी भी बड़े मंच पर टिकने का माद्दा रखते हैं।

क्रिकेटरों के साथ-साथ दर्शकों के लिए भी यह मैच बेहद रोमांचक रहा। नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज ग्राउंड की गैलरी में दोनों देशों के समर्थक अपनी-अपनी टीम का हौसला बढ़ाते दिखे। इस मुकाबले ने दोनों देशों के क्रिकेट संबंधों में एक नई ऊर्जा भर दी। इंग्लैंड के 2025 के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैलेंडर का भी यह पहला मुकाबला रहा, यानी नए साल की शुरुआत ही ऐतिहासिक अंदाज में हुई।

जिन लोगों को लगता है कि मैच का नतीजा ही सबसे जरूरी है, वे भूल जाते हैं कि कभी-कभी असल मायने तो इस बात के होते हैं कि दो टीमें सालों बाद मिलकर क्रिकेट की स्पिरिट को कैसे पेश करती हैं। इंग्लैंड बनाम जिम्बाब्वे टेस्ट ने यही दिखाया—रंग, रोमांच और रिश्तों की गर्मजोशी।