Category: धर्म और संस्कृति

महावीर जयंती 2025: भगवान महावीर के जन्मदिन पर शुभकामनाएं और संदेश

महावीर जयंती 2025: भगवान महावीर के जन्मदिन पर शुभकामनाएं और संदेश

10 अप्रैल 2025 को मनाई जाने वाली महावीर जयंती भगवान महावीर के जन्म का 2623वाँ सालगिरह है। यह दिन अहिंसा, सत्य और आत्म-संयम जैसे उनके आदर्शों का सम्मान करता है। लोग मंदिरों और समुदायों में प्रार्थना और ध्यान से जुड़ते हैं। आधुनिक समय में, सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं और संदेश शेयर कर, जैन मूल्यों की पुनः पुष्टि करते हैं।

आगे पढ़ें
गोवर्धन पूजा 2024: जानें सही तारीख और क्यों मनाई जाती है दीवाली के बाद

गोवर्धन पूजा 2024: जानें सही तारीख और क्यों मनाई जाती है दीवाली के बाद

गोवर्धन पूजा 2024 को शनिवार, 2 नवंबर को मनाई जाएगी। यह त्योहार भगवान कृष्ण की इंद्र देव के ऊपर विजय का प्रतीक है। गोवर्धन पूजा का मुहूर्त प्रातःकाल 6:14 AM से 8:33 AM एवं सांयकाल 3:33 PM से 5:53 PM तक रहेगा। इस दिन लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं और गायों की आरती उतारते हैं।

आगे पढ़ें
शरद पूर्णिमा 2024: तिथि, समय, लक्ष्मी पूजा मुहूर्त और महत्त्व

शरद पूर्णिमा 2024: तिथि, समय, लक्ष्मी पूजा मुहूर्त और महत्त्व

शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागर पूर्णिमा भी कहते हैं, 16 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन चंद्रमा अपनी संपूर्ण चौंसठ कलाओं के साथ प्रकट होता है, और इस रात को खीर चांदनी में रखने की परंपरा है। ये मान्यता है कि देवी लक्ष्मी इस दिन धरती पर आकर जागते हुए लोगों को समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

आगे पढ़ें
जन्माष्टमी 2024: तिथि, समय, दही हांडी महोत्सव का महत्व - जानिए सबकुछ

जन्माष्टमी 2024: तिथि, समय, दही हांडी महोत्सव का महत्व - जानिए सबकुछ

जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई जाती हैं। इस साल यह पर्व 26 अगस्त, 2024 को मनाया जाएगा। इसके अगले दिन, 27 अगस्त, 2024, को दही हांडी का उत्सव भगवान कृष्ण की माखन चुराने वाली लीलाओं की याद में मनाया जाता है। महाराष्ट्र और गोवा में यह एक खेल के रूप में विकसित हो चुका है, जिसमें टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है।

आगे पढ़ें
मोहम्मद 2024: ताज़िया की परंपरा और इतिहास, जानें तारीख, महत्त्व और विशेषता

मोहम्मद 2024: ताज़िया की परंपरा और इतिहास, जानें तारीख, महत्त्व और विशेषता

मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है और इसका मुस्लिम समुदाय में विशेष महत्त्व है। विशेषतः शिया मुसलमान इस अवधि को इमाम हुसैन की शहादत की याद में शोक के रूप में मनाते हैं। इसमें ताज़िया बनाना, रोज़ा रखना, और दान देना शामिल है। इस लेख में कर्बला की लड़ाई का इतिहास और इस्लामी संस्कृति में इसके महत्त्व की जानकारी दी गई है।

आगे पढ़ें