विक्रमादित्य मोटवानी और सत्यान्शु सिंह द्वारा बनाई गई 'ब्लैक वारंट' वेब सीरीज़ 1980 के दशक की तिहाड़ जेल की स्थिति को एक विशेष शैली में प्रस्तुत करती है। इस सीरीज़ में मुख्य पात्र सुनील कुमार गुप्ता, जिसे जहान कपूर ने निभाया है, एक नए जेलर के रूप में अपनी नौकरी शुरू करते हैं। तिहाड़ जेल, जो एशिया की सबसे बड़ी जेल मानी जाती है, यहां गुप्ता को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सीरीज़ का आधार सुनील गुप्ता और सुनेत्रा चौधरी की पुस्तक 'ब्लैक वारंट: कंफेशंस ऑफ़ अ तिहाड़ जेलर' पर आधारित है।
यह सीरीज़ केवल जेल की चारदीवारी के भीतर के जीवन को नहीं दिखाती, बल्कि एक युवा जेलर के संघर्ष की कहानी भी है, जो नियमित जीवन छोड़ते हुए एक गंभीर और कठोर वातावरण में खुद को ढालने का प्रयास करता है। हर किरदार का इसकी कहानी में एक महत्वपूर्ण योगदान है, और इससे जुड़े सभी किस्से उस दौर के भारत के जीवन के एक विशेष पहलू को उजागर करते हैं। इस सीरीज़ की सबसे अनूठी बात यह है कि यह जेल की जटिल जीवनशैली का एक सच्चा चित्रण है।
तिहाड़ जेल में रह रहे कैदियों और जेल अधिकारियों के बीच के संबंध की पेचीदगी को बेहतर तरीके से दिखाने के लिए इस सीरीज़ ने हर संभव प्रयास किया है। वहां की खुली सच्चाई और विशेषकर, जेल की राजनीति का समावेश इसे एक अनूठा महत्व प्रदान करता है। हालांकि कहीं-कहीं कहानी में कुछ ऐसे उपकथानक हैं जो मुख्य कहानी की तीव्रता को कम करते दिखते हैं, लेकिन फिर भी सीरीज़ अपनी गहराई में सक्षम है।
इस सीरीज़ में जहां कपूर के अलावा राहुल भट, परमवीर सिंह चीमा, अनुराग ठाकुर और सिद्धांत गुप्ता ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं। इसमें राजश्री देशपांडे, टोटा रॉय चौधरी और राजेंद्र गुप्ता विशेष प्रस्तुति में नजर आते हैं। यह सीरीज़ अपनायटी एंटरटेनमेंट की प्रस्तुति है और इसे अंदोलन प्रोडक्शन ने कॉन्फ्लुएंस मीडिया के सहयोग से तैयार किया है।
सीरीज़ को नेटफ्लिक्स पर देखा जा सकता है, और यह न केवल जेल की दुनिया बल्कि उस समय के समाज की भी गहराई से पड़ताल करती है। इस सीरीज़ ने दर्शकों को तिहाड़ जेल की एक नई और अनदेखी दुनिया की झलक दी है, जो एक बार देखे बिना नहीं छोड़ा जा सकता।