पूर्व भारतीय लेग-स्पिनर अमित मिश्रा ने हाल ही में एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि तब के कप्तान विराट कोहली ने उनके राष्ट्रीय टीम में भविष्य के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी। मिश्रा, जो 2017 में आखिरी बार भारतीय टीम का हिस्सा थे, कहते हैं कि वे एक चोट के कारण टीम से बाहर हुए थे, लेकिन उसके बाद उन्हें फिर से शामिल नहीं किया गया। ऐसा तब था जब उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी आखिरी वनडे सीरीज में 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' का खिताब जीता था।
मिश्रा ने बताया कि कोहली ने उन्हें अपनी फिटनेस पर ध्यान देने का निर्देश दिया था। हालांकि, जब उन्होंने टीम में अपने भविष्य के बारे में कोहली से पूछा, तो उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। यह स्थिति उन्हें मुश्किल में डाल दी और उन्होंने इससे काफी हताशा महसूस की।
मिश्रा ने बताया कि उन्होंने चयन समिति के एक सदस्य से भी सवाल किया लेकिन उनकी भी तरफ से कोई स्पष्ट उत्तर नहीं आया। इस संपूर्ण प्रकरण ने उन्हें इतना गुस्सा दिलाया कि वह चयनकर्ता को गाली देने वाले थे, लेकिन उन्होंने खुद को रोक लिया। मिश्रा ने इस घटना को एक कठिन अनुभव बताया और यह भी स्पष्ट किया कि यह उनके क्रिकेट करियर के एक दर्दनाक क्षणों में से एक था।
हालांकि, राष्ट्रीय टीम में न आने के बाद भी मिश्रा ने हार नहीं मानी। उन्होंने घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपना करियर जारी रखा। आईपीएल के 2023 और 2024 सत्रों के दौरान मिश्रा ने लखनऊ सुपर जायंट्स का प्रतिनिधित्व किया और अपनी गेंदबाजी कौशल से अपने फैंस का दिल जीतते रहे।
अमित मिश्रा ने भारतीय क्रिकेट के लिए कई महत्वपूर्ण मैच खेले हैं। उन्होंने अपनी स्लो और सटीक गेंदबाजी से कई महत्वपूर्ण विकेट लिए और टीम को जीत दिलाई। उनके करियर की हाइलाइट्स में विभिन्न वनडे और टेस्ट सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन शामिल हैं।
फिर भी, मिश्रा का करियर विवादों और संघर्षों से भरा रहा है। कई बार उन्हें बिना किसी स्पष्ट कारण के टीम से बाहर कर दिया गया। लेकिन उनका दृढ़ता और मजबूत मनोबल उन्हें आगे बढ़ाता रहा। चाहे वह चोट हो या चयनकर्ताओं की उपेक्षा, मिश्रा ने हमेशा अपने खेल पर ध्यान केंद्रित रखा और साबित कर दिया कि वे असली योद्धा हैं।
इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर फैंस और क्रिकेट के जानकारों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कुछ फैंस ने मिश्रा की बातों को पूरी तरह से समर्थन दिया और चयनकर्ताओं की आलोचना की, जबकि कुछ ने इसे कोहली की रणनीति का हिस्सा माना।
क्रिकेट विशेषज्ञों का भी मानना है कि इस प्रकार की स्थिति एक खिलाड़ी के मनोबल को तोड़ सकती है और उसके करियर पर गहरा असर डाल सकती है। यह बात शायद मिश्रा के लिए भी लागू होती है, जिन्होंने अपने भावनात्मक संघर्ष को खुलकर सामने रखा।
अमित मिश्रा ने यह भी कहा कि वे अभी भी क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को बरकरार रखते हैं और उनका मानना है कि उनके पास अभी भी बहुत कुछ देने के लिए है। उन्होंने आगे कहा कि वे अपनी नई भूमिका और जिम्मेदारियों का आनंद ले रहे हैं और युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन देने के लिए तत्पर हैं।
उनके इस खुलासे ने न केवल उनके फैंस को बल्कि क्रिकेट की दुनिया को भी सोच में डाल दिया है। यह दर्शाता है कि खिलाड़ियों के करियर में न केवल उनकी खेल कुशलता बल्कि टीम प्रबंधन और मानसिक संघर्ष भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।