SEBI बोर्ड की बैठक के परिणाम: प्रमुख निर्णय और चर्चाएँ विस्तार से

अक्तू॰, 1 2024

SEBI बोर्ड की बैठक: पार्श्वभूमि और प्रमुख मुद्दे

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 30 सितंबर 2024 को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। यह बैठक काफी विवाद और आरोपों के बीच आई, जिसमें SEBI की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के विदेशी फंड्स में निवेश को लेकर विवाद खड़ा हुआ। यह बैठक खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि पहली बार हिन्डनबर्ग रिसर्च द्वारा बुच और उनके पति पर आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने विंड अडानी के नियंत्रण वाले विदेशी फंड्स में निवेश किया था। विंड अडानी, गौतम अडानी के भाई हैं, जो अडानी समूह के प्रमुख हैं।

आरोपों की छाया में बैठक

इस बैठक का आधिकारिक रूप से आरोपों से कोई लेनादेना नहीं था, फिर भी यह संभावना थी कि अनौपचारिक रूप से इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। SEBI बोर्ड में अध्यक्ष सहित कुल आठ सदस्य होते हैं, जिनमें चार पूर्णकालिक सदस्य और वित्त मंत्रालय, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, और भारतीय रिजर्व बैंक के तीन अंशकालिक सदस्य शामिल होते हैं।

बुच और उनके पति पर मुख्य आरोप यह थे कि उन्होंने अदानी समूह की सूचीबद्ध संस्थाओं के शेयरों के मूल्य को संजोने और निधियों में हेरफेर के लिए विदेशी फंड्स में निवेश किया था। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने बुच पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लिस्टेड सिक्योरिटीज में व्यापार किया था और SEBI के नीतियों का उल्लंघन किया था।

बुच और उनके पति की सफाई

माधबी पुरी बुच और धवल बुच ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने SEBI के सभी खुलासा संबंधी नियमों का पालन किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके द्वारा किए गए निवेश 2015 में किए गए थे जब वे सिंगापुर में निजी नागरिक थे। उन्होंने SEBI के लिए अपनी जिम्मेदारियों के दौरान सभी नियमों का पालन किया और सभी आवश्यक खुलासे किए।

SEBI कर्मचारियों की शिकायतें

अधिक विवादों के बीच बैठक में लगभग 500 SEBI कर्मचारियों की शिकायतों को भी सुना गया। इनमें कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय को एक 'तनावपूर्ण और विषाक्त कार्य वातावरण' के बारे में लिखा था। SEBI ने शुरू में इन शिकायतों के लिए बाहरी तत्वों को दोषी ठहराया था, लेकिन बाद में कर्मचारियों के विरोध के बाद इस बयान को वापस ले लिया और आंतरिक रूप से मुद्दों को हल करने का वादा किया।

महत्वपूर्ण प्रस्ताव और निर्णय

महत्वपूर्ण प्रस्ताव और निर्णय

इन विवादों के अलावा, SEBI बोर्ड ने कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तावों और नियमों पर चर्चा की और उन्हें मंजूरी दी। इनमें फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग के लिए कड़े नियम, 'न्यू एसेट क्लास' और म्यूचुअल फंड लाइट रेगुलेशंस शामिल थे। नया एसेट क्लास म्यूचुअल फंड्स और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) के बीच एक निवेश उत्पाद प्रदान करने का प्रस्ताव रखता है, जो कम से कम 10 लाख रुपये की मिनिमम इन्वेस्टमेंट सीमा के साथ आता है।

वहीं, F&O सेगमेंट में सट्टेबाजी करने पर रोक लगाने के उपायों पर भी चर्चा की गई। इनमें मल्टीपल ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरीज को प्रतिबंधित करना, ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स का आकार बढ़ाना और पोजिशन लिमिट्स की अंतरदिनी निगरानी शामिल हैं।

नई नियुक्तियाँ और विदाई

इस बैठक में, नये कॉर्पोरेट अफेयर्स सचिव दीप्ति गौर मुखर्जी का यह पहला SEBI बोर्ड मीटिंग था, जबकि अगले महीने रिटायर होने वाले उप RBI गवर्नर एम राजेश्वर राव के लिए यह आखिरी बैठक थी।

बाजार पर प्रभाव

SEBI बोर्ड की इस बैठक के परिणाम पर बाजार की कड़ी निगाहें थीं। बैठक के बाद, सेंसेक्स और निफ्टी में 1% से अधिक की गिरावट देखी गई, जो कि इन प्रस्तावित उपायों के प्रभाव की आशंका के कारण थी।

इस प्रकार, SEBI बोर्ड की यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण साबित हुई, जहां एक ओर उसने अपने नियमों को कड़ा करने पर ध्यान केंद्रित किया, वहीं दूसरी ओर उसने अपने कर्मचारियों की शिकायतों को भी सुना।

10 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Arun 3D Creators

    अक्तूबर 1, 2024 AT 02:53

    श्री बुच का केस तो खुद एक दार्शनिक मुद्दा बन गया

  • Image placeholder

    RAVINDRA HARBALA

    अक्तूबर 2, 2024 AT 01:06

    बुच पर लगाए गए आरोपों की जांच में SEBI को ठोस दस्तावेज़ी साक्ष्य प्रस्तुत करना अनिवार्य है। बिना स्पष्ट प्रमाण के किसी भी कार्रवाई से संस्थागत विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा।

  • Image placeholder

    Vipul Kumar

    अक्तूबर 2, 2024 AT 23:20

    आपके विश्लेषण को देखते हुए, निवेशकों को नवीनतम नियमों की पूरी जानकारी रखें और पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग पर विचार करें। साथ ही, कर्मचारियों की शिकायतों का समाधान बोर्ड के विश्वास को बढ़ाएगा।

  • Image placeholder

    Priyanka Ambardar

    अक्तूबर 3, 2024 AT 21:33

    हमारी राष्ट्रीय हित सबसे ऊपर है, विदेशी फंड्स का खेल अब नहीं चलेगा 😊

  • Image placeholder

    sujaya selalu jaya

    अक्तूबर 4, 2024 AT 19:46

    SEBI ने नियामक कदम उठाए हैं, यह सराहनीय है।

  • Image placeholder

    Ranveer Tyagi

    अक्तूबर 5, 2024 AT 18:00

    नए F&O नियम, विशेषकर मल्टीपल ऑप्शन एक्सपायरी प्रतिबंध, बाजार में अति-सट्टेबाजी को रोकेंगे, इस कारण तरलता बेहतर होगी, पोजिशन लिमिट्स की दैनिक निगरानी से जोखिम कम होगा, निवेशकों को नई रणनीतियों को अपनाना होगा, अन्यथा नुकसान उठाना पड़ेगा!

  • Image placeholder

    Tejas Srivastava

    अक्तूबर 6, 2024 AT 16:13

    सम्पूर्ण बाजार की धड़कन इस मीटिंग के बाद तेज़ हो गई है-निवेशकों का मन बेचैन है, नियामक कदमों की अनिश्चितता छाई हुई है; फिर भी यह परिवर्तन जरूरी था।

  • Image placeholder

    JAYESH DHUMAK

    अक्तूबर 7, 2024 AT 14:26

    30 सितंबर को हुई SEBI बोर्ड की बैठक ने भारतीय बाजार में अनेकों बिंदुओं को उजागर किया।
    मुख्य चर्चा वैधता और निवेशकों के हित की थी, लेकिन कई विवाद भी सामने आए।
    बुच परिवार पर लगे विदेशी फंड निवेश के आरोपों को उन्होंने स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया।
    उनके द्वारा 2015 में किए गए निवेश को कानूनी रूप से सभी नियामकीय प्रावधानों का पालन माना गया।
    बोर्ड ने इस तथ्य को नोट किया और बैठक में इस मुद्दे पर विस्तृत प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया।
    साथ ही, 500 SEBI कर्मचारियों की शिकायतें भी सुनी गईं, जो कार्यस्थल के तनाव को दर्शाती थीं।
    कर्मचारियों ने कहा कि विषाक्त माहौल उनकी उत्पादकता को प्रभावित कर रहा है, इस पर बोर्ड ने सुधार के उपायों का वादा किया।
    नई नियमावली के तहत F&O ट्रेडिंग पर कठोर प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जैसे मल्टीपल ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी पर रोक।
    विकल्पों के आकार में वृद्धि और पोजिशन लिमिट्स की निरन्तर निगरानी की भी घोषणा की गई।
    इसके अलावा, नया एसेट क्लास म्यूचुअल फंड और PMS के बीच निवेश उत्पाद प्रस्तुत करेगा, जिसका न्यूनतम निवेश 10 लाख रुपये है।
    यह पहल छोटे निवेशकों को उच्च जोखिम वाले उत्पादों से बचाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
    बाजार में इस घोषणा के बाद निफ्टी और सेंसेक्स में 1% से अधिक की गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों में सावधानी बरतने की प्रवृत्ति बढ़ी।
    विशेषज्ञों का मत है कि इन कड़े नियमों से अल्पकालिक बाजार अस्थिरता बढ़ सकती है, पर दीर्घकाल में स्थिरता आएगी।
    बाज़ार के विभिन्न वर्गों को इन परिवर्तनों के अनुसार अपनी रणनीति पुनः मूल्यांकन करनी होगी।
    अंततः, SEBI ने अपने नियामक ढाँचे को सुदृढ़ करने और सस्टेनेबल विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस कदम रखा है।
    यह बैठक एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जो भविष्य के नियामक कदमों के लिए बेंचमार्क स्थापित करेगी।

  • Image placeholder

    Santosh Sharma

    अक्तूबर 8, 2024 AT 12:40

    आइए, इन नई नियमावली को अपना अवसर मानें, अपने पोर्टफोलियो को व्यवस्थित करें और बाजार में स्थिरता की दिशा में कदम बढ़ाएँ।

  • Image placeholder

    yatharth chandrakar

    अक्तूबर 9, 2024 AT 10:53

    नए एसेट क्लास के साथ छोटे निवेशकों को नई संभावनाएँ मिलेंगी, इसलिए शुरुआती निवेशकों को उचित जागरूकता और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए।

एक टिप्पणी लिखें