16 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की गई। इन पुरस्कारों का उद्देश्य भारतीय सिनेमा में सालभर की उत्कृष्टता का सम्मान करना है। इस बार कन्नड़ फिल्म 'कांतारा' में अपने उत्कृष्ट अभिनय के लिए रिशभ शेट्टी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला है। साथ ही, मलयालम फिल्म 'आट्टम' ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का प्रतिष्ठित खिताब हासिल किया है।
कन्नड़ फिल्म 'कांतारा' में रिशभ शेट्टी का अभिनय सराहनीय था और उनकी इस मेहनत को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार द्वारा मान्यता दी गई है। शेट्टी ने इस मौके पर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह उनके करियर का अब तक का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है। उनके अनुसार, 'कांतारा' के किरदार ने उन्हें अभिनय के नए आयामों से परिचित कराया और इसने उनके अभिनय को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। शेट्टी ने अपने प्रशंसकों और फिल्म की पूरी टीम का धन्यवाद किया, जिनकी मेहनत के बिना यह संभव नहीं हो सकता था।
मलयालम फिल्म 'आट्टम' को इस साल की सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला है। इस फिल्म की विशेषता उसकी कहानी और निर्देशन में है, जिसने इसे दर्शकों एवं समीक्षकों दोनों से काफी सराहना दिलाई है। फिल्म के निर्देशक और पूरी टीम ने इस मौके पर बताया कि उनके लिए यह पुरस्कार एक बड़ा सम्मान है, जो उनके कड़ी मेहनत का प्रतिफल है। 'आट्टम' की कहानी ने समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है, जो दर्शकों के दिलों को छू गई। फिल्म को यह पुरस्कार सबसे अधिक प्रासंगिक और सार्थक फिल्म के रूप में दिया गया है।
इस वर्ष की राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में महिलाओं की भूमिकाओं को भी महत्वपूर्ण स्थान मिला है। 'थिरुचित्रंबलम' फिल्म में अपने शानदार अभिनय के लिए निथ्या मेनन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला है। वे अपने किरदार के प्रति समर्पण और मेहनत के लिए जानी जाती हैं, और उनका यह पुरस्कार उस प्रतिभा का प्रमाण है। इसके साथ ही, गुजराती फिल्म 'कच्छ एक्सप्रेस' में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मानसी पारेख को भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला है।
इस बार के समारोह में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की घोषणा अभी तक नहीं हुई है। जूरी के अनुसार, इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामांकित व्यक्ति का नाम जल्द ही घोषित किया जाएगा। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने वाली शख्सियत को दिया जाता है और इसकी प्रतीक्षा सभी को बेसब्री से है।
मौजूदा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विभिन्न भाषाओं में बनी उत्कृष्ट फिल्मों को भी सम्मानित करते हैं। जिनमें असमिया, बंगाली, हिंदी, कन्नड़, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, ओड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और अंग्रेजी शामिल हैं। इसके साथ ही, गैर-फीचर फिल्म श्रेणियों में भी महत्वपूर्ण पुरस्कार दिए गए हैं। 'अयाना' को सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म नामित किया गया जबकि 'मर्मर्स ऑफ द जंगल' को सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री फिल्म का खिताब मिला है।
सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड फिल्म का पुरस्कार ‘ए कोकोनट ट्री’ को और सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म निर्देशन का पुरस्कार 'फ्रॉम द शैडो' को मिला है। ये पुरस्कार भारतीय सिनेमाई प्रतिभा के व्यापक और विविध स्वरूप को दर्शाते हैं। पुरस्कार पाने वालों की इस सूची में किताबों के क्षेत्र में भी विशिष्ट नाम शामिल हैं। ‘किशोर कुमार: द अल्टिमेट बायोग्राफी’ किताब को सर्वश्रेष्ठ किताब का पुरस्कार मिला है, जिसे अनिरुद्ध भट्टाचार्य और पार्थिव धर ने लिखा है। साथ ही, दीपक दूआ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म समीक्षक के रूप में सम्मानित किया गया है।
ये पुरस्कार समिति की निष्पक्षता और मेहनत का प्रमाण हैं, जो वर्ष 2022 के दौरान सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणित फिल्मों का मूल्यांकन करती है। 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में जिन फिल्मों और कलाकारों को सम्मानित किया गया है, उन्होंने न केवल मनोरंजन जगत में अपनी भूमिका निभाई है, बल्कि समाज को भी एक संदेश देने का प्रयास किया है। ये पुरस्कार भारतीय सिनेमा की उस विशिष्टता और विविधता को भी दर्शाते हैं, जो इसे वैश्विक स्तर पर अलग खड़ा करती है।
अक्टूबर 2024 में होने वाले पुरस्कार समारोह में यह सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया जाएगा। यह समारोह भारतीय सिनेमा के लिए अत्यंत महत्वूपूर्ण है और इस बार इसके आयोजन की भव्यता और उत्साह कुछ और ही कहानियां बयां करेंगी।