पैरालंपिक्स 2024 की शुरुआत के साथ ही व्हीलचेयर टेनिस प्रतियोगिता ने एक नई चमक पकड़ी है। इसके उत्सव को और अधिक खास बनाने के लिए Google ने अपने मुख्य पृष्ठ पर एक अनोखा डूडल जारी किया है। यह डूडल ना केवल खेल को सम्मानित करता है, बल्कि खेल की चर्चाओं को भी सम्मान देता है। यह डूडल Google लॉगों की जगह लेता है और नोट करता है कि यह खेल पेरिस के प्रसिद्ध रोलैंड गैरोस स्टेडियम में हो रहा है।
पैरालंपिक्स 2024 के इस प्रसिद्ध स्थल पर व्हीलचेयर टेनिस प्रतियोगिता 30 अगस्त से 7 सितंबर तक चलेगी। इस प्रतियोगिता में पुरुषों और महिलाओं के एकल और युगल मुकाबलों सहित कुल छह पदक दांव पर हैं। व्हीलचेयर टेनिस पहली बार 1992 में पैरालंपिक खेलों में शामिल हुआ था और तब से यह खेल अपनी विशेषता और चुनौतीपूर्ण खिलाड़ियों के लिए जाना जाने लगा है।
व्हीलचेयर टेनिस एक ऐसा खेल है जो विशेष कौशल, चुस्ती और रणनीतिक सोच की आवश्यकता रखता है। खिलाड़ियों को अपनी व्हीलचेयर को बहुत ही बेहतर तरीके से नियंत्रित करना होता है, साथ ही तेज गति से आगे-पीछे और बायें-दायें चलने की महारत भी चाहिए होती है। इस खेल को जितना मज़ेदार, उतनी ही चुनौती देने वाली भी समझा जाता है।
कुछ उल्लेखनीय व्हीलचेयर टेनिस खिलाड़ी जैसे कि स्टेफान हुडेट, डीडी डी ग्रूट और शिंगो कुनिएदा ने इस खेल पर अपना आधिपत्य स्थापित किया है। ये खिलाड़ी न केवल कई ग्रैंड स्लैम बल्कि कई पैरालंपिक खिताब भी जीत चुके हैं। हालांकि, इस बार जारी किए गए डूडल में इन खिलाड़ियों को नहीं दिखाया गया है। इसके बजाय, दो पक्षियों के एकल मैच खेलते हुए और अन्य पक्षियों को दर्शक के रूप में दिखाते हुए एक हल्का-फुल्का एनिमेशन प्रस्तुत किया गया है।
डूडल के साथ एक संदेश भी शामिल है – 'हरमेशा बढ़ते रहें और शानदार सर्व करें। व्हीलचेयर टेनिस आज से शुरू हो रहा है रोलैंड गैरोस में'। यह संदेश खेल के उत्साह और आनंद को विशेष रूप से उजागर करता है। इससे पहले, Google ने पैरालंपिक तीरंदाजी प्रतियोगिता का जश्न भी एक डूडल के माध्यम से मनाया था।
Google डूडल के माध्यम से विभिन्न घटनाओं और छुट्टियों का जश्न मानने की परंपरा एक लंबे समय से चली आ रही है। ये डूडल ना केवल इंटरैक्टिव होते हैं बल्कि वे हर बार कुछ नया और अलग बताते हैं। इससे ना केवल लोगों का ध्यान आकर्षित होता है बल्कि इन डूडल के माध्यम से शिक्षा और जानकारी का भी प्रचार-प्रसार होता है।
व्हीलचेयर टेनिस का इतिहास बहुत पुराना नहीं है, लेकिन इसका प्रभाव व्यापक और गहरा है। 1976 में पहली बार अमेरिका में व्हीलचेयर टेनिस की शुरुआत हुई थी। इसके बाद धीरे-धीरे इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और 1992 में इसे पैरालंपिक खेलों का हिस्सा बनाया गया।
इस खेल का उद्देश्य समान है जितना की नियमित टेनिस का होता है, बस इसमें खिलाड़ियों के लिए कुछ विशेष नियम बनाये गए हैं। जैसे की गेंद को दो बार बाउंस करने की अनुमति होती है। पहले बाउंस को कोर्ट के अंदर होना अनिवार्य होता है, जबकि दूसरा बाउंस कोर्ट के बाहर भी हो सकता है।
रोलैंड गैरोस, जहां इस वर्ष का व्हीलचेयर टेनिस हो रहा है, टेनिस की दुनिया में एक प्रतिष्ठित स्थान है। इस कोर्ट ने कई चुनौतियों को देखा है और यहां खेले जाने वाले प्रत्येक मुकाबले को खिलाड़ियों के लिए एक बड़े इतिहास का हिस्सा मान जाता है। फ्रेंच ओपन की मेज़बानी करना इस कोर्ट के गौरव का प्रतीक है और अब व्हीलचेयर टेनिस को भी यही सम्मान दिया गया है।
इस साल के चैंपियन कौन होंगे, यह तो समय बतायेगा, लेकिन पिछले वर्षों के विभिन्न प्रसिद्व खिलाड़ी इस खेल में अपनी अमिट छाप छोड़ चुके हैं। स्टेफान हुडेट, डीडी डी ग्रूट, और शिंगो कुनिएदा जैसे खिलाड़ियों ने व्हीलचेयर टेनिस को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उनकी खेल क्षमता, दृढ़ संकल्प और साहसिक सोच ने उन्हें इस खेल में विशेष बना दिया है।
वे अनगिनत मैच जीते हैं और उनके योगदान ने इस खेल को और भी लोकप्रिय बनाया है। इनके खेल की कुशलता और प्रभाव ने उन्हें ना केवल खेल प्रेमियों का बल्कि पूरी दुनिया का सम्मान भी दिलाया है।
इस वर्ष के मुकाबलों में विनिंग लिस्ट में कौन शामिल होगा इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं। खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और उनकी तैयारी ही उन्हें जीत की दहलीज तक ले जा सकती है। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह पदक जीते और अपनी श्रेष्ठता साबित करे। निरंतर अभ्यास, सही रणनीति और अनुकूल मानसिकता ही उन्हें इस मकसद तक पहुंचा सकती है।
आने वाले मैचों में खिलाड़ियों की प्रतिस्पर्धा देखने योग्य होगी। इसमें हर खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता के साथ भाग लेगा और दर्शकों को अविस्मरणीय खेल अनुभव प्रदान करेगा।
पैरालंपिक खेल ना केवल खेल में उत्कृष्टता का प्रदर्शन करते हैं बल्कि यह समाज में समावेशिता और विविधता का संदेश भी देते हैं। यह खेल उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत साबित होता है जो किसी ना किसी शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि संकल्प और मेहनत से इंसान किसी भी कठिनाई को पार कर सकता है।
Google का यह डूडल उसी भावना को सलाम करता है और इस विशेष अवसर को मान्यता देता है। ऐसा डूडल ना केवल खेल प्रेमियों को आकर्षित करता है, बल्कि सामान्य जनता के बीच भी जागरूकता फैलाता है।
सचमुच, पैरालंपिक्स 2024 में व्हीलचेयर टेनिस की शुरुआत और Google का यह डूडल एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो भविष्य की संभावनाओं और उपलब्धियों की कहानी को और भी चमकदार बनाता है। खिलाड़ियों की मेहनत, उनकी यात्रा और उनका समर्पण हमें प्रेरित करता है और हमें यह याद दिलाता है कि असंभव कुछ भी नहीं है।