NEET-UG पेपर लीक मामला: सीबीआई ने मास्टरमाइंड और दो एमबीबीएस छात्रों को किया गिरफ्तार

जुल॰, 22 2024

NEET-UG पेपर लीक मामला: सीबीआई की बड़ी कार्रवाई

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने NEET-UG पेपर लीक मामले में और गहराई तक पहुंचते हुए मास्टरमाइंड सशिकांत पासवान और दो MBBS छात्रों कुमार मंगलम बिश्नोई और दीपेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी एजेंसी के उन प्रयासों का हिस्सा है जिसमें वे पेपर लीक घोटाले के जाल को सुलझाने की कोशिश कर रही है।

मास्टरमाइंड सशिकांत पासवान की पहचान

मास्टरमाइंड सशिकांत पासवान की पहचान एक बी.टेक स्नातक के रूप में हुई है जो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जमशेदपुर से पास आउट हैं। उनकी तकनीकी दक्षता और नेटवर्किंग क्षमताओं ने उन्हें इस गहरे षड्यंत्र का केंद्र बिंदु बना दिया। सशिकांत ने एक जटिल नेटवर्क विकसित किया जो NEET-UG परीक्षा के प्रश्नपत्रों को लीक करने का काम करता था।

दोनों MBBS छात्रों की भूमिका

कुमार मंगलम बिश्नोई और दीपेंद्र शर्मा, जो भरतपुर, राजस्थान के एक मेडिकल स्कूल के छात्र हैं, ने भी इस गिरोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जबकि कुमार दूसरी वर्ष के छात्र हैं, दीपेंद्र पहली वर्ष के छात्र हैं। दोनों को 5 मई को हजारीबाग में देखा गया था, जिस दिन NEET-UG की परीक्षा आयोजित की गई थी।

अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि दोनों छात्र हजारीबाग में मौजूद प्रश्नपत्र को हल करने वाले के रूप में कार्य कर रहे थे। इनके पास यह जिम्मेदारी थी कि वे लीक हुए प्रश्नपत्रों को हल करें और उन्हें परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों तक समय से पहुंचाएं।

पूर्ण जांच के दायरे में कुल 21 गिरफ्तारियां

इस पेपर लीक मामले में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई ने कुल छह मामलों में प्राथमिकी दर्ज की है और अग्रिम जांच जारी है। यह गिरफ्तारी केवल इस मामले में नहीं बल्कि पूर्व में भी विभिन्न परीक्षा घोटालों में शामिल लोगों की पकड़ को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

चोरी की प्रक्रिया का खुलासा

CBI ने बताया कि यह एक संगठित गिरोह था जिसने परीक्षा के दौरान पेपर को लीक किया। पेपर लीक की प्रक्रिया बहुत ही सावधानीपूर्वक और योजनाबद्ध तरीके से की गई थी। इस गिरोह के सदस्यों ने प्रश्नपत्रों को स्कैन करके डिजिटल माध्यमों के जरिए दूसरों तक पहुंचाया।

छात्रों की शिक्षा और कैरियर पर प्रभाव

इस तरह के घोटालों का प्रभाव छात्रों की शिक्षा और उनके कैरियर पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। युवा और प्रतिभाशाली छात्रों की मेहनत और समर्पण को ठेस पहुंचता है। इस पेपर लीक के कारण वाजिब और मेहनती छात्रों को भी शंका और संदेह की नजर से देखा जाता है।

आगे की जांच और संभावित परिणाम

सीबीआई की इस जांच में अब और भी कड़ियाँ जुड़ती जा रही हैं। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं और इसमे शामिल लोगों की सूची लंबी हो सकती है। इसके साथ ही प्रशासन और सरकार की तरफ से इस तरह के घोटालों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

नीतियों और कानूनों में सख्ती की जरूरत

इस तरह के मामलों से बचने के लिए सरकारी नीतियों और कानूनों में सख्ती लाई जानी चाहिए। परीक्षा के संचालन में पारदर्शिता और सुरक्षा की प्रबलता होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के मामले सामने न आ सकें।

इस पेपर लीक ने शिक्षा प्रणाली पर एक गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। हालांकि सीबीआई की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि इस मामले का संपूर्ण विवेचन होगा और दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

17 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Nivedita Shukla

    जुलाई 22, 2024 AT 00:07

    NEET की इस काली साजिश ने हमारे युवा मन में गहरी चोट खाई है। परीक्षा का हक़
    वाले हर aspirant को डर के साए में जीना पड़ रहा है। सशिकांत पासवान जैसे लोग
    भवन की धुंध में ही क्यों नहीं रहते? उनका तकनीकी ज्ञान
    अगर सही दिशा में लगाया जाता तो एक उपकार बन सकता था।
    परन्तु उन्होंने इसे अभेदन के लिए इस्तेमाल किया, जो
    बहुत ही निराशाजनक है। हमें इस तरह के भ्रष्टाचार के
    खिलाफ़ सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य की पीढ़ी
    सुरक्षित महसूस करे।

  • Image placeholder

    Rahul Chavhan

    जुलाई 26, 2024 AT 22:37

    परेडि रिहर्सल में ऐसे लोग नहीं चाहिए जो
    सिर्फ अपने फायदें देखते हैं, सही कहूँ तो।

  • Image placeholder

    Arun 3D Creators

    जुलाई 31, 2024 AT 21:07

    जिंदगी के इस रफ़्तार में सबको थोड़ा ठहरना चाहिए -
    सच्चाई से आँखें मिलाए बिना कभी कुछ हल नहीं हो सकता।;
    परदास के पीछे भागना सिर्फ भ्रम है जो अंत में
    खुद को ही धोखा देता है। आइए हम सब एक साथ जागें।

  • Image placeholder

    RAVINDRA HARBALA

    अगस्त 5, 2024 AT 19:37

    सीबीआई की कार्रवाई काबिल‑ए‑तारीफ़ है, परन्तु
    ऐसे मामलों की जड़ तक पहुँचना आवश्यक है।
    जुड़े हुए नेटवर्क का विस्तार बहुत बड़ा हो सकता है,
    और इसके लिए विस्तृत डिजिटल फॉरेंसिक की जरूरत पड़ेगी।
    डिजिटल फिंगरप्रिंट्स, VPN ट्रेसिंग, और
    डेटा लीक की तकनीकी जांच को तेज़ी से करना चाहिए।
    अन्यथा यह समस्या फिर से उभर सकती है।

  • Image placeholder

    Vipul Kumar

    अगस्त 10, 2024 AT 18:07

    भाइयों, हमें चाहिए कि हम इस सीख को
    सभी मेडिकल काउंसिलों में भी पहुँचाएँ।
    अगली बार परीक्षा में कोई लीक
    न हो, इसके लिए ऑडिट सिस्टम लागू करें।
    विज़िटिंग जूरी और आईटी सुरक्षा को मजबूती दें।
    समुदाय के रूप में साथ मिलकर इसको रोक सकते हैं।

  • Image placeholder

    Priyanka Ambardar

    अगस्त 15, 2024 AT 16:37

    देश की शान को बचाने के लिए हमें इस तरह की
    साजिशों को ब्लॉक करना होगा! 🇮🇳
    ऐसे लोग जो क़ानून का उल्लंघन करके
    सिस्टम को नुकसान पहुँचाते हैं, उन्हें सख़्त सजा मिलनी चाहिए!
    हम सबको मिलकर एकजुट होना होगा! 😠

  • Image placeholder

    sujaya selalu jaya

    अगस्त 20, 2024 AT 15:07

    सही कहा आपने। हमें एकजुट रहना चाहिए।

  • Image placeholder

    Ranveer Tyagi

    अगस्त 25, 2024 AT 13:37

    यहाँ से शुरू होते हैं कुछ सुझाव!!!,,,,,,
    पहला, सभी परीक्षा केंद्रों में एन्क्रिप्टेड एन्क्लोज़र लगवाना चाहिए!!!!
    दूसरा, प्रश्नपत्र को डिजिटल रूप से हाशिए पर रखकर, केवल एआई-आधारित जनरेटेड क्वेश्चन पेपर को हब में भेजा जाए!!!,,
    तीसरा, लीक की संभावना को कम करने के लिए पेपर को कई हिस्सों में फॉर्मेट कर, अलग‑अलग टाइम स्लॉट में डिलिवर किया जाए!!!!
    चौथा, प्रत्येक ट्रांसपोर्ट के लिए ब्लॉकचेन‑आधारित ट्रेसिंग सिस्टम अपनाया जाए जिससे हर कदम पर ऑडिट हो सके!!!!
    पाँचवाँ, यदि कोई लीक पकड़ा जाता है तो तुरंत उस स्रोत को एक्ज़ीक्यूटिव प्रोसिज़र के तहत प्रोसेस किया जाना चाहिए!!!
    छठा, सभी परीक्षा‑संबंधित कर्मचारी और छात्रों को डेटा‑सिक्योरिटी पर विस्तृत वर्कशॉप दी जाए!!!!,
    सातवाँ, एक हॉटलाइन स्थापित की जाए जहाँ कोई भी लीक का संदेह तुरंत रिपोर्ट कर सके!!!
    आठवाँ, सिविल और क्रिमिनल दोनों ही केस में कड़ी सजा का प्रावधान हो, जिससे डरावना प्रतिफल मिल सके!!!!
    नवाँ, साइबर‑फॉरेंसिक टीम को लगातार अपडेट रखे, नई तकनीकों से लैस किया जाए!!! दसवाँ, डिस्ट्रिक्ट‑लेवल में एक रिव्यू बोर्ड बनाकर, हर परीक्षा के बाद पूर्ण ऑडिट होना चाहिए!!!! ग्यारहवाँ, इस मुद्दे को सार्वजनिक करने के लिए मीडिया को भी जिम्मेदार बनाया जाए, ताकि सामाजिक दबाव बना रहे!!! बारहवाँ, स्कूल और कॉलेज स्तर पर भी ईमानदारी के मूल्यों को सुदृढ़ किया जाए, जिससे लीक की सोच ही न हो!!!! तेरहवाँ, वैकल्पिक मूल्यांकन मॉडल जैसे प्रैक्टिकल‑आधारित टेस्ट को बढ़ावा दिया जाए, जिससे सिर्फ थ्योरी पर निर्भरता कम हो!!! चौदहवाँ, परीक्षा के बाद सभी पेपर को सुरक्षित रूप से नष्ट किया जाए, ताकि वे पुनः उपयोग या लीक न हों!!!! पंद्रहवाँ, प्रत्येक छात्र को डिजिटल सिग्नेचर देना अनिवार्य किया जाए, जिससे कोई भी फाइल बिना पहचान के नहीं भेज सके!!! सोलहवाँ, सभी एजींसीज़ के बीच समन्वय बढ़ाया जाए, ताकि सूचना का प्रवाह तेज़ हो और किसी को भी चुपके से काम करने का मौका न मिले!!! सत्रहवाँ, अंत में, हमें यह याद रखना चाहिए कि शिक्षा का उद्देश्य न केवल अंक अर्जित करना, बल्कि नैतिकता और सतत विकास है!!, इस सबको मिलाकर ही हम भविष्य में ऐसी दुष्ट साजिशों को जड़ से निकाल सकते हैं!!

  • Image placeholder

    Tejas Srivastava

    अगस्त 30, 2024 AT 12:07

    वाह! ये तो बहुत बढ़िया सुझाव हैं, लेकिन मैं यही कहूँगा;
    इन्हें लागू करने में टाइम‑टेबल और बजट की बड़ी भूमिका होगी!!!,
    फिर भी अगर हम सब मिलकर कदम बढ़ाएँ तो यह संभव है!!!

  • Image placeholder

    JAYESH DHUMAK

    सितंबर 4, 2024 AT 10:37

    समस्या का मूल कारण अक्सर सिस्टम में मौजूद छिद्र होते हैं, जिनकी पहचान कर सुधार किया जाना चाहिए। विभिन्न परीक्षणों में प्रयुक्त प्रश्नपत्रों को सुरक्षित रूप से संभालना आवश्यक है। डिजिटल एन्क्रिप्शन के साथ, पेपर को केवल अधिकृत कर्मचारियों के पास ही पहुँचाया जा सकता है। राष्ट्रीय स्तर पर एक केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए जो सभी परीक्षा स्थानों पर लागू हो। इसके अलावा, छात्रों को भी इस प्रकार के दुराचार के खिलाफ सजग किया जाना चाहिए, ताकि कोई संदेहापूर्ण गतिविधि तुरंत रिपोर्ट कर सके।
    अंततः, इस दिशा में निरंतर सुधार और निगरानी से ही हम एक भरोसेमंद परीक्षा प्रणाली स्थापित कर सकते हैं।

  • Image placeholder

    Santosh Sharma

    सितंबर 9, 2024 AT 09:07

    आपके विस्तृत विश्लेषण को पढ़कर प्रशंसा बंध नहीं सकती; आशा करता हूँ भविष्य में ये उपाय लागू हों।

  • Image placeholder

    yatharth chandrakar

    सितंबर 14, 2024 AT 07:37

    छात्रों को भी चाहिए कि वे परीक्षा में ईमानदारी को प्राथमिकता दें, क्योंकि
    अंततः यह उनका ही भविष्य बनता है।

  • Image placeholder

    Vrushali Prabhu

    सितंबर 19, 2024 AT 06:07

    बिलकुल सही कहा ! ये इशू इस्‍कोल थोडा नहीं, बड़े स्‍केल पर
    डिज़ाइन हो रहा है। सबको मिलके सॉल्यूशन निकालना पडेगा।

  • Image placeholder

    parlan caem

    सितंबर 24, 2024 AT 04:37

    इन्हें जल्ली सजा दो, बहुत हो गया!

  • Image placeholder

    Mayur Karanjkar

    सितंबर 29, 2024 AT 03:07

    संबंधित संस्थाओं की नीति‑निर्माण प्रक्रिया को पुनः‑समीक्षा करके,
    सुरक्षा‑प्रोटोकॉल के आधुनिकीकरण की आवश्यकता स्पष्ट हो गई है।
    सैद्धान्तिक रूप से, यह एक बहु‑परतीय रक्षा तंत्र की मांग करता है।

  • Image placeholder

    Sara Khan M

    अक्तूबर 4, 2024 AT 01:37

    वाह, बहुत सारे उपाय हैं, लेकिन बहुत जटिल भी लग रहा है। 🤔

  • Image placeholder

    shubham ingale

    अक्तूबर 9, 2024 AT 00:07

    हाँ, एक‑एक कदम उठाएँ और साथ मिलकर इसे सफल बनाते हैं! 😊

एक टिप्पणी लिखें