मुंबई में शुक्रवार, 12 जुलाई, 2024 को अचानक भारी बारिश ने पूरे शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया, जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का टर्मिनल 2 भी डूब गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि मानसून के इस दौर में भारी बारिश होगी। इन अलर्ट्स के बावजूद, प्रशासन को इस तरह के भयंकर परिणामों के लिए शायद ही तैयार देखा गया।
वीडियो में दिखाई देता है कि कैसे यात्रियों और हवाई अड्डे के कर्मचारियों को घुटनों तक पानी में चलना पड़ा। इस घटना ने हवाई अड्डे के संचालन को पूरी तरह से अव्यवस्थित कर दिया। उड़ानों को रद्द किया गया और कई उड़ानों में देरी हुई। इसके अलावा, सड़कों पर भी जलजमाव की स्थिति ने यातायात को प्रभावित किया।
मुंबई, जो पहले से ही मानसून के समय जलभराव की समस्याओं का सामना करती आ रही है, ने एक बार फिर इस मौसम के कष्टों का सामना किया। इस घटना ने न केवल मुंबई के बुनियादी ढांचे की समस्याओं को उजागर किया, बल्कि प्रशासन की तैयारी और उनके त्वरित प्रतिक्रिया की जरूरत को भी उजागर किया।
जो यात्री हवाई अड्डे के अंदर फंसे थे, उन्होंने बाढ़ की वजह से काफी समस्याओं का सामना किया। कई यात्री घंटों तक बाहर नहीं निकल पाए, जबकि कुछ को अपनी उड़ानों के रद्द होने के कारण वैकल्पिक इंतजाम करने पड़े। हवाई अड्डे के अंदर की दुकानों और सुविधाओं को भी इन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, जैसे कि खाने-पीने की चीजों की कमी।
हवाई अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था भी इस बाढ़ से प्रभावित हुई। सुरक्षा कर्मियों ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में पूरी कोशिश की, लेकिन जलभराव की स्थिति ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दीं। हवाई अड्डा प्रबंधन ने बाद में बयान जारी कर बताया कि कर्मचारियों ने बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने और यात्रियों को सर्वोत्तम मदद उपलब्ध कराने के लिए निस्संदेह प्रयास किया।
मुंबई के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश के कारण हालात नाजुक हो गए। मुख्य सड़कों पर पानी भर जाने के कारण यातायात जाम हो गया। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने में भी काफी दिक्कत हुई। सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी बाधित रहीं, जिससे लोगों को दफ्तर और अन्य जरूरी स्थानों पर पहुंचने में परेशानी हुई।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक भी बारिश जारी रहने की संभावना है। इससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और आवश्यकतानुसार बाहर निकलने की अपील की है।
ट्रेन सेवाएं भी भारी बारिश के कारण प्रभावित हुईं। कई ट्रेनों को रद्द किया गया या उनके समय में बदलाव किया गया। बस सेवाओं में भी देरी हुई, और लोगों को अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ा।
मुंबई की जीवनरेखा मानी जाने वाली लोकल ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित रहीं। रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने के कारण लोकल ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया, जिससे यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मुंबई नगर निगम (BMC) ने बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तेजी से कदम उठाए। जलभराव वाले क्षेत्रों में पंपों के माध्यम से पानी निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई।
निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए नावों और अन्य साधनों का भी उपयोग किया गया। प्रशासन ने कहा कि वे स्थिति पर करीबी नज़र रख रहे हैं और स्थिति में सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 के मामले में भी, जलभराव की स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रित करने के लिए विशेष टीमें तैनात की गईं।
भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए नगर निगम और अन्य संबंधित विभागों को अधिक तैयारियों की जरूरत है। हवाई अड्डे जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर जलभराव रोकने के लिए आद्यतमा उपाय किए जाने चाहिए। इससे न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी, बल्कि उड़ानों के संचालन में भी कोई बाधा नहीं आएगी।
साथ ही, जल निकासी प्रणाली में सुधार के लिए मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) और अन्य संबंधित विभागों को संयुक्त प्रयास करने होंगे। लोगों को भी जागरूक करने की जरूरत है ताकि वे मानसून के समय सतर्क रह सकें और ऐसे हालात से निपटने के लिए तैयार रहें।
मुंबई एक बार फिर मानसून की गंभीरता का सामना कर रही है। हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 में आई बाढ़ ने प्रशासन और शहरवासियों के सामने कड़ी चुनौतियां पेश की हैं। इस मुश्किल समय में लोगों की सुरक्षा और सामान्य जीवन को बहाल करना प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है। लेकिन, संयुक्त प्रयासों और तत्परता से इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।