ई-कॉमर्स पर पीयूष गोयल का रुख स्पष्ट, निष्पक्ष और ईमानदार नीतियों का किया समर्थन

अग॰, 23 2024

ई-कॉमर्स पर पीयूष गोयल का रुख

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में हुए एक उद्योग कार्यक्रम में अपने विचार स्पष्ट किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी तरह से ई-कॉमर्स के खिलाफ नहीं है, लेकिन वह व्यापार की दुनिया में निष्पक्षता और ईमानदारी की सख्त आवश्यकता महसूस करती है।

गोयल ने यह बयान उस वक्त दिया जब उन्होंने अमेजन पर अनुचित मूल्य निर्धारण का आरोप लगाया था। मुंबई में आयोजित इस कार्यक्रम में, गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और प्रौद्योगिकी का स्वागत किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे उपभोक्ताओं को सुविधा और तेजी से सेवा मिलती है। लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि ई-कॉमर्स के तेज विकास से पारंपरिक रिटेल व्यवसायों में रोजगार की संभावनाओं पर खतरा मंडरा सकता है।

छोटे व्यापारियों पर असर

गोयल ने बताया कि प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, विशेषकर अमेजन, उच्च मार्जिन वाले उत्पादों को रियायती दरों पर बेचकर छोटे रिटेलरों की बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने संदेह व्यक्त किया कि बड़े स्तर के निवेश अक्सर नुकसान को ढकने के लिए उपयोग किए जाते हैं, जिससे आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

उन्होंने अमेजन के अरबों डॉलर के निवेश का भी उल्लेख किया और कहा कि यह निवेश असल में दिखावे के होते हैं, जोकि बड़े नुकसानों को छुपाने के उद्देश्य से किए जाते हैं। गोयल ने यह भी सवाल उठाया कि क्या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स द्वारा डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर बिक्री करना कानून के अनुरूप है या नहीं।

स्थानीय व्यापारों की रक्षा

उन्होंने जोर देकर कहा कि स्थानीय व्यवसायों की सुरक्षा और ई-कॉमर्स क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए नीतियों की आवश्यकता है। भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र वर्ष दर वर्ष 27% की दर से बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन गोयल ने चेतावनी दी कि इस विकास को सावधानीपूर्वक प्रबंधित किया जाना चाहिए ताकि छोटे विक्रेताओं और व्यापक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

गोयल के इस बयान में एक महत्वपूर्ण संदेश था कि डिजिटल क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन इसे संतुलित और न्यायसंगत तरीके से प्रबंधित करना आवश्यक है। इससे न केवल उपभोक्ताओं और बड़ी कंपनियों को फायदा होगा, बल्कि समाज के सभी वर्गों को भी समान अवसर मिलेंगे।

निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता

निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता

गोयल ने कहा कि देश में प्रतिस्पर्धा की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। बिना वैधता की जांच किए हुए बड़े पैमाने पर डिस्काउंट और अन्य प्रलोभनों के जरिए बाजार में हेराफेरी करना देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर बना सकता है।

उनका मानना है कि अगर ई-कॉमर्स कंपनियां कानून का पालन नहीं करती हैं, तो भौतिक रिटेल और छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए, उन्होंने नीतिगत फ्रेमवर्क को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया जिससे समान अवसर मिल सके और किसी भी प्रकार की वित्तीय गड़बड़ी पर रोक लगाई जा सके।

अंतर्राष्ट्रीय निवेश और प्रौद्योगिकी

गोयल का कहना था कि वे विदेशी निवेश और नई प्रौद्योगिकियों का स्वागत करते हैं, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह आर्य जीवनशैली और व्यापार टिकाऊ रहे।

उन्होंने इस पर भी ध्यान दिलाया कि कैसे अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपने भारी निवेश को आधार बनाकर भारतीय बाजार पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही हैं। निवेश के साथ जिम्मेदारी भी आती है और यह सुनिश्चित करना होगा कि इससे स्थानीय व्यवसायों का ह्रास न हो।

कुल मिलाकर, पीयूष गोयल ने उद्योग जगत से निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए कदम उठाने और ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा जिम्मेदार और ईमानदार व्यापार प्रथाओं का पालन करने का आह्वान किया। यह न केवल प्रतिस्पर्धा को उचित बनाएगा बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी स्थिरता प्रदान करेगा। इससे उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों दोनों को फायदा होगा। स्वच्छ और पारदर्शी व्यापार प्रथाओं के साथ ही भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग को मजबूती मिलेगी और यह एक संतुलित तरीके से आगे बढ़ेगा।