हुंडई इंडिया का आईपीओ: ग्रे मार्केट में 3% प्रीमियम के साथ हो रही शुरुआत

अक्तू॰, 15 2024

हुंडई इंडिया का आईपीओ: शेयर बाजार में प्रवेश और इसके प्रभाव

हुंडई इंडिया का बहुप्रतीक्षित आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) अब द्वार पर आ पड़ा है। कंपनी के शेयर बाजार में प्रवेश के साथ ही, ग्रे मार्केट में इसके शेयर 3% प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं। यह प्रतिशत उस उच्च मूल्य सीमा का हिस्सा है जो ₹1,960 निर्धारित किया गया है। इसे देखकर लगता है कि निवेशक कंपनी की संभावनाओं को अभी तक पूर्ण रूप से अनुकूल नहीं मान रहे हैं और जिससे कयास लगाए जा रहे थे, उससे कहीं कम प्रीमियम पर इसकी ट्रेडिंग हो रही है। दो सप्ताह पहले जब यह शेयर अनलिस्टेड बाजार में ट्रेड होना शुरू हुआ था, तो यह ₹570 के प्रीमियम पर था।

आईपीओ के पीछे की रणनीति और कंपनी का भविष्य

हुंडई मोटर ग्लोबल, जो कि माता कंपनी है, भारतीय इकाई में से 14.2 करोड़ शेयर यानी 17% हिस्सेदारी बेचने जा रही है। जैसे ही यह आईपीओ लॉन्च होगा, हुंडई इंडिया ₹1.6 लाख करोड़ के मूल्यांकन पर होगी। यह जानना महत्वपूर्ण है कि ग्रे मार्केट का प्रीमियम निवेशकों के मूड का एक मापक मात्र है और यह बहुत तेजी से बदल सकता है। फिर भी, ये संकेत हैं कि क्या निवेशक इस भारतीय इकाई के बाजार में प्रवेश का स्वागत कर रहे हैं या नहीं।

आईपीओ से प्राप्त धनराशि पूरी तरह से माता कंपनी को जाएगी, लेकिन कंपनी प्रबंधन का कहना है कि इसका उपयोग अनुसंधान और विकास और नवीन उत्पादों के लिए किया जाएगा। दुनिया के कई बाजारों में हुंडई की मजबूत उपस्थिति है और भारत में यह दूसरे स्थान पर है। इसके पास 13 यात्री वाहन मॉडल्स का पोर्टफोलियो है जिसमें सेडान, हैचबैक और एसयूवी शामिल हैं।

स्थानीय उत्पादन क्षमता और वित्तीय प्रदर्शन

स्थानीय उत्पादन क्षमता और वित्तीय प्रदर्शन

भारत में हुंडई इंडिया की स्थानीय निर्माण क्षमता बहुत मजबूत है, और कंपनी ने खुद को एशिया में हुंडई मोटर के सबसे बड़े प्रोडक्शन बेस के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य बनाया है। चेन्नई में इसके दो उत्पादन संयंत्र हैं जिनकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 8.24 लाख यूनिट्स है और यह वर्तमान में 90% से अधिक क्षमता पर संचालित हो रही है।

आर्थिक दृष्टिकोण से, आईटी आधारित सेवा क्षेत्र के साथ अन्य उद्योगों के लिए भी यह बेमिसाल समय है। जून 2024 में समाप्त हुई तिमाही के लिए हुंडई मोटर इंडिया की राजस्व ₹17,344 करोड़ थी, जो कि पिछले साल के इसी अवधि की तुलना में एक समृद्ध ग्रोथ को दर्शाती है। घरेलू बाजार से 76% राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि निर्यात से 24% आय हुई।

इसके साथ ही, कंपनी का शुद्ध लाभ ₹1,489.65 करोड़ रहा, जो पिछले साल ₹1,329.19 करोड़ था। इस प्रकार हुंडई इंडिया ने अपनी वित्तीय स्थिति का अच्छा नियंत्रण रखा है और लाभ में वृद्धि को दर्शाया है।

आईपीओ प्रबंधन

आईपीओ का प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए ह्युंडई इंडिया ने कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल, एचएसबीसी सिक्योरिटी, जेपी मॉर्गन, और मॉर्गन स्टेनली को मुख्य प्रबंधन दल में शामिल किया है। जबकि ऑफर के रजिस्ट्रार के रूप में केफिन टेक्नोलॉजीज को नियुक्त किया गया है। कंपनी उम्मीद कर रही है कि यह आईपीओ उसे और अधिक वित्तीय स्वतंत्रता और विकास के अवसर प्रदान करेगा।