दिल्ली-एनसीआर में बारिश से राहत, राजस्थान में तापमान गिरा, पहाड़ों पर मौसम की मौजूदा स्थिति

जून, 20 2025

दिल्ली-एनसीआर: बारिश और तेज़ हवाओं से बदला मौसम

दिल्ली-एनसीआर के लोग सोमवार सुबह राहत की सांस लेते देखे गए। दिल्ली मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 17 जून 2025 को क्षेत्र में पीला अलर्ट जारी हुआ है। इसका मतलब है कि तेज़ हवाएं 50-60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं, साथ में गरज-चमक और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। बारिश शुरू होते ही तापमान में गिरावट देखी गई, जहां दिन में अधिकतम 36°C तक पहुंचने का अनुमान है, वहीं रात में पारा 20°C तक जा सकता है। नमी की मात्रा भी अपने उच्चतम स्तर 85% के आसपास बनी रही, जिससे उमस भी महसूस हो रही है।
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि कड़ी धूप से राहत तो मिलेगी, लेकिन बाहर निकलते समय भारी बारिश, ओलावृष्टि या गिरती बिजली से सतर्क रहें। पार्क, खुले मैदान या पेड़ के नीचे खड़े होने से बचने की सिफारिश की गई है।

राजस्थान व चुनावी राज्यों में तापमान में गिरावट

राजस्थान में भी बादलों ने राहत दी है। बीकानेर, जयपुर, जोधपुर जैसे तमाम जिलों में पिछले हफ्ते तक तेज़ लू का असर था, लेकिन अब बरसात की आहट के साथ तापमान में गिरावट आने लगी है। शुक्रवार को जहां तापमान 42°C तक पहुंच गया था, वही सोमवार को यह 3-5 डिग्री तक गिर चुका है। हवा में नमी महसूस की जा रही है और गर्मियों के मुकाबले काफी सुकून मिला।

उधर, उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय हो चुका है। सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, और रामपुर में IMD ने तेज़ बारिश, आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी दी है। ग्रामीण इलाकों में स्कूलों के बंद रहने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को कहा गया है कि उर्वरक और बीज सुरक्षित स्थान पर रखें और खेतों में काम करते समय सतर्क रहें।

आईएमडी ने अपने ताजा बुलेटिन में बताया है कि अगले 24-48 घंटों में मानसून महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में दस्तक दे सकता है। मुंबई, पुणे और अहमदाबाद समेत कई शहरों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इससे इन इलाकों में गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।

पहाड़ी इलाकों — जैसे नैनीताल, मसूरी, शिमला, और धर्मशाला — में भले ही अलग से अलर्ट जारी नहीं हुआ, लेकिन वहां मानसून की बारिश शुरू हो चुकी है। अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, मगर बिजली गिरने के साथ-साथ पहाड़ी ढलानों पर फिसलन बढ़ने की आशंका बनी हुई है। पर्यटन स्थल होने के कारण मौसम बदलते ही पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ने लगी है।

कुल मिलाकर, उत्तर भारत के बड़े हिस्सों में गर्मी का असर कम हुआ है और मानसून की दस्तक महसूस होने लगी है। अब सबकी नजर यही है कि आगामी दिनों में बारिश किस तरह बंटती है और किसान, छात्र, दफ्तर जाने वाले लोग इससे कैसे प्रभावित होंगे।