दिल्ली-एनसीआर: बारिश और तेज़ हवाओं से बदला मौसम
दिल्ली-एनसीआर के लोग सोमवार सुबह राहत की सांस लेते देखे गए। दिल्ली मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 17 जून 2025 को क्षेत्र में पीला अलर्ट जारी हुआ है। इसका मतलब है कि तेज़ हवाएं 50-60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं, साथ में गरज-चमक और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। बारिश शुरू होते ही तापमान में गिरावट देखी गई, जहां दिन में अधिकतम 36°C तक पहुंचने का अनुमान है, वहीं रात में पारा 20°C तक जा सकता है। नमी की मात्रा भी अपने उच्चतम स्तर 85% के आसपास बनी रही, जिससे उमस भी महसूस हो रही है।
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि कड़ी धूप से राहत तो मिलेगी, लेकिन बाहर निकलते समय भारी बारिश, ओलावृष्टि या गिरती बिजली से सतर्क रहें। पार्क, खुले मैदान या पेड़ के नीचे खड़े होने से बचने की सिफारिश की गई है।
राजस्थान व चुनावी राज्यों में तापमान में गिरावट
राजस्थान में भी बादलों ने राहत दी है। बीकानेर, जयपुर, जोधपुर जैसे तमाम जिलों में पिछले हफ्ते तक तेज़ लू का असर था, लेकिन अब बरसात की आहट के साथ तापमान में गिरावट आने लगी है। शुक्रवार को जहां तापमान 42°C तक पहुंच गया था, वही सोमवार को यह 3-5 डिग्री तक गिर चुका है। हवा में नमी महसूस की जा रही है और गर्मियों के मुकाबले काफी सुकून मिला।
उधर, उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय हो चुका है। सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, और रामपुर में IMD ने तेज़ बारिश, आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी दी है। ग्रामीण इलाकों में स्कूलों के बंद रहने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को कहा गया है कि उर्वरक और बीज सुरक्षित स्थान पर रखें और खेतों में काम करते समय सतर्क रहें।
आईएमडी ने अपने ताजा बुलेटिन में बताया है कि अगले 24-48 घंटों में मानसून महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में दस्तक दे सकता है। मुंबई, पुणे और अहमदाबाद समेत कई शहरों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इससे इन इलाकों में गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।
पहाड़ी इलाकों — जैसे नैनीताल, मसूरी, शिमला, और धर्मशाला — में भले ही अलग से अलर्ट जारी नहीं हुआ, लेकिन वहां मानसून की बारिश शुरू हो चुकी है। अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, मगर बिजली गिरने के साथ-साथ पहाड़ी ढलानों पर फिसलन बढ़ने की आशंका बनी हुई है। पर्यटन स्थल होने के कारण मौसम बदलते ही पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ने लगी है।
कुल मिलाकर, उत्तर भारत के बड़े हिस्सों में गर्मी का असर कम हुआ है और मानसून की दस्तक महसूस होने लगी है। अब सबकी नजर यही है कि आगामी दिनों में बारिश किस तरह बंटती है और किसान, छात्र, दफ्तर जाने वाले लोग इससे कैसे प्रभावित होंगे।
Priyanka Ambardar
जून 20, 2025 AT 19:00देश की जलवायु नीति की सच्ची परख तो इस बारिश में ही दिखेगी 🙂! दिल्ली‑एनसीआर में तेज़ हवाओं और हल्की बारिश का अलर्ट आया है, तो हमें भी तुरंत तैयार रहना चाहिए, नहीं तो बिन बुलाए मेहमान की तरह जल‑आपदा घर में घुस सकती है।
sujaya selalu jaya
जून 27, 2025 AT 09:47वैध सलाह है, तेज़ हवाओं से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें
Ranveer Tyagi
जुलाई 4, 2025 AT 00:34भाइयों, फटाफट अपने घरों की खिड़कियां कस लें!!! बारिश का मौसम आया है, परन्तु बिजली गिरने की संभावना भी है; इसलिए लाइटर और अल्टरनेटिव चार्जर हमेशा पास रखें!!! अगर बाहर जाना पड़े तो वाटरप्रूफ़ जैकेट पहनें, नहीं तो पानी में पाद पड़ेगा!!!
Tejas Srivastava
जुलाई 10, 2025 AT 15:20ओह! मौसमी राग में झुकी हुई धरती, कैसे बदल रहा है ये नजारा!!! हवा के झोंके जैसे गहरी सांसें ले रहे हों; और बादल तरसे हुए ऐसे, जैसे दिल में गुनगुनी आँधी छा गई हो!!!
सभी को सलाह है, इस नाटकीय दृश्य का आनंद शांतिपूर्वक लें, लेकिन कभी भी अंधाधुंध नाच न करें।
JAYESH DHUMAK
जुलाई 17, 2025 AT 06:07भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जारी किया है कि इस हफ़्ते के अंत में दिल्ली‑एनसीआर में कई बार शॉवर जैसी बरसात की संभावना है। इस प्रकार की वर्षा न केवल तापमान को 10‑15 डिग्री घटाएगी, बल्कि वायुमंडलीय नमी को 85% के आसन्न स्तर पर स्थिर रखेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अवधि शहरी क्षेत्रों में धूल‑धूसर को कम कर श्वसन रोगियों के लिये लाभकारी होगी। हालांकि, तेज़ हवाओं की गति 50‑60 किमी/घंटा तक पहुँच सकती है, जिससे छतों और खुले बगीचे में छोटे‑मोटे नुकसान हो सकते हैं। स्थानीय प्रशासन ने पहले ही आपातकालीन सेवाओं को तैनात कर दिया है और नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे आवश्यक दस्तावेज़ सुरक्षित स्थान पर रखें। साथ ही, ट्रैफ़िक जाम की आशंका के कारण सार्वजनिक परिवहन के समय‑समय पर पुनः निर्धारित किए जा सकते हैं। बारीकी से देखे तो राजस्थान में भी इस बारिश ने तापमान को 3‑5 डिग्री गिराते हुए नमी को बढ़ा दिया है, जिससे खेती‑बाड़ी में जल संरक्षण की योजना बनाना आसान हो जाएगा। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तेज़ धारा और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है, इसलिए कृषकों को फसल की सुरक्षा हेतु कवच‑अवरोधक उपाय अपनाने चाहिए। मुम्बई और अहमदाबाद जैसे पश्चिमी शहरों में भी जल्द ही हल्की‑मध्यम बारिश की संभावनाएँ दर्ज की गई हैं, जिससे औद्योगिक उत्पादन में अनपेक्षित ठहराव संभावित है। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ‑पानी के मिश्रण से फिसलन बढ़ सकती है, इसलिए पर्यटन स्थल पर यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। इस जलवायु परिवर्तन के दौर में, जल आपूर्ति प्रबंधन प्रणाली को अपडेट करना अत्यावश्यक है, क्योंकि संचित जल स्तर में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। जल संसाधन विभाग ने निकासी के दौरान जल‑बन्धन को रोकने के लिये नल कनेक्शन को सही से बंद रखने की अपील की है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी को एंटी‑हिस्टामिन दवाओं का स्टॉक रखने और एलर्जिक प्रतिक्रियाओं के प्रति सतर्क रहने का निर्देश दिया है। अंत में, नागरिकों को आवश्यकता पड़ने पर निकासी मार्गों की जानकारी रखना चाहिए और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर को सहेज कर रखना चाहिए। इस प्रकार, समस्त भारत में इस मौसम का संतुलित प्रबंधन ही आगामी गर्मियों और वर्षा के प्रभाव को न्यूनतम करने की कुंजी है।
Santosh Sharma
जुलाई 23, 2025 AT 20:54ऐसे विशेषज्ञ अनालिसिस से स्पष्ट होता है कि हमें व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर जल सुरक्षा के उपाय अपनाने चाहिए; चलिए इस अवसर को जागरूकता बढ़ाने में प्रयोग करते हैं।
yatharth chandrakar
जुलाई 30, 2025 AT 11:40बारिश के साथ तापमान का गिरना किसानों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन जल‑स्रोतों की उचित प्रबंधन पर भी ध्यान देना आवश्यक है।
Vrushali Prabhu
अगस्त 6, 2025 AT 02:27अरे वाक़ई, ये माउसमी मौसम तो पूरा सिनेमा जैसा है!! मैं तो सोच रहा हूँ की पिकनिक प्लान करूँ, पर गीला गीला धक् धक्! टोल्के में एकदम #ट्रेंडिंग।
parlan caem
अगस्त 12, 2025 AT 17:14इस तरह का आधा‑आधा अलर्ट बस पब्लिक को हिलाने का ढांचा है, असली काम तो तब शुरू होता है जब सरकार जल संरक्षण में ठोस कदम रखती है।
Mayur Karanjkar
अगस्त 19, 2025 AT 08:00पारदर्शी डेटा‑ड्रिवेन मॉडल से हम मौसमी अस्थिरता को पूर्वानुमानित कर सकते हैं।
Sara Khan M
अगस्त 25, 2025 AT 22:47बारिश का मजा ले लो 🌧️
shubham ingale
सितंबर 1, 2025 AT 13:34चलो सब मिलके बाहर नाचें लेकिन सुरक्षित रहें 😊
Ajay Ram
सितंबर 8, 2025 AT 04:20मौसम विज्ञान का अध्ययन हमेशा एक जटिल और बहु‑आयामी प्रक्रिया रहा है, क्योंकि इसमें कई वायुमंडलीय कारकों का समुचित विश्लेषण करना पड़ता है। भारत के विविध भौगोलिक क्षेत्रों में एक साथ कई प्रकार की जलवायु घटनाएँ देखी जा रही हैं, जो एक दूसरे से परस्पर प्रभावित होती हैं। दिल्ली‑एनसीआर में तेज़ हवाओं के साथ हल्की बारिश का आगमन एक संकेत है कि मानसून की शुरुआत धीरे‑धीरे अपने पूरे जोर पर आ रही है। राजस्थान जैसे शुष्क क्षेत्रों में भी नमी की बढ़ोतरी और तापमान के गिरने से कृषि सक्रियता में सकारात्मक बदलाव की संभावना उत्पन्न हो रही है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बिजली गिरने की चेतावनी के साथ साथ स्कूलों के बंद होने का निर्णय एक आवश्यक सुरक्षा कदम माना गया है। इस बीच, महाराष्ट्र और गुजरात में संभावित वर्षा से व्यापारिक और औद्योगिक कार्यों में कुछ रुकावटें आ सकती हैं, जिससे आर्थिक योजना में पुनरावलोकन आवश्यक हो जाता है। पहाड़ी पर्यटन स्थलों में फिसलन बढ़ने की आशंका के कारण स्थानीय प्रशासन को तुरंत सुरक्षा उपायों को लागू करने की जरूरत है। जल सुरक्षा के पहलू को देखते हुए, जल‑संकलन प्रणालियों की दक्षता को बढ़ाना अनिवार्य हो गया है। इस संदर्भ में, सार्वजनिक सहभागिता और स्थानीय स्तर पर जल‑संरक्षण अभियानों का महत्व अत्यधिक है। नागरिकों को चाहिए कि वे अपने घरों में जल‑सावधानियों को अपनाएँ और संभावित आपातकाल में तैयार रहें। अंत में, यह स्पष्ट है कि यह मौसम परिवर्तन एक अवसर प्रदान करता है, जिससे हम अपने पर्यावरणीय नीतियों को पुनः मूल्यांकित कर सकते हैं। इस प्रकार, सामूहिक प्रयासों से हम इस मौसमी चुनौती को सकारात्मक रूप में बदल सकते हैं।
Dr Nimit Shah
सितंबर 14, 2025 AT 19:00भगवान के आशीर्वाद से यह वर्षा केवल सुहावनी नहीं बल्कि राष्ट्रीय प्रगति का संकेत भी है; हमें इस अवसर को विवेकपूर्ण रूप से उपयोग करना चाहिए, न कि उदासीनता से।