धनतेरस व दीपावली 2025 की तिथियां, मुहूर्त और विशेषज्ञ राय

अक्तू॰, 12 2025

जब गोपाल तिवारी, मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य, ने जागरण के मोरादाबाद संस्करण में अपने गणना प्रकाशित की, तो खबरें तुरंत फैल गईं: धनतेरस 2025 शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जबकि दीपावली सोमवार, 20 अक्टूबर को आएगी। इस घोषणा की पुष्टि पंडित प्रभात मिश्र ने भी की, जिन्होंने कहा कि अमावस्या का शुभ काल 20 अक्टूबर को ही पड़ेगा। इस लेख में हम तिथियों के पीछे के पंचांग‑विधियों, शहर‑वॉयर पूजा‑मुहूर्त और विशेषज्ञों की अतिरिक्त टिप्पणी को विस्तार से देखेंगे।

धनतेरस 2025 की तिथियां व समय

धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ता है। पंचांग के अनुसार, यह 18 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12‑18 मिनट पर शुरू होकर 19 अक्टूबर को दोपहर 01‑51 मिनट तक चलता है। सिर्फ़ इतना ही नहीं, कई शहरों में अलग‑अलग पूजा‑मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं।

  • नई दिल्ली (NCT) – 7:16 PM से 8:20 PM तक
  • चेन्नई – 7:28 PM से 8:15 PM तक
  • नोएडा – 7:15 PM से 8:19 PM तक
  • अहमदाबाद – 7:44 PM से 8:41 PM तक

धनतेरस पर भगवान धन्वंत्री, गणेश, लक्ष्मी, कुबेर और यम की विशेष पूजा की जाती है। साथ‑साथ लोग सोने‑चांदी के आभूषण, नई बर्तनों और इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी भी करते हैं; यही कारण है कि यह दिन बाजार‑व्यवसाय के लिए भी "शुभ" माना जाता है।

दीपावली 2025 का पंचांग एवं मुहूर्त

दीपावली का मुख्य तिथि कार्तिक अमावस्या है, जो इस साल 20 अक्टूबर 2025 को आएगी। पंडित प्रभात मिश्र के अनुसार, अमावस्या का प्रारम्भ 2:32 PM (सोमवार) से होगा और 21 अक्टूबर को 4:26 PM तक रहेगा। इस दौरान प्रदोष और निशीथ काल बेमिसाल रूप से पड़ते हैं, इसलिए धार्मिक गणनाओं में दीपावली का ही दिन 20 अक्टूबर निर्धारित किया गया है।

लक्ष्मी‑गणेश की पूजा का शुभ समय दोपहर 2:39 PM से रात के अंत तक विस्तारित है। विशेष रूप से कुम्भ लग्न (2:09 PM‑3:40 PM) को सबसे अनुकूल माना जाता है। अधिकांश मंदिरों में मंदिर‑प्रवेश और आरती का आरम्भ सूर्यास्त के बाद (प्रदोष) होता है, क्योंकि यह समय अंधकार पर प्रकाश की जीत को प्रतीकित करता है।

शहरवार पूजा समय एवं विशेष रीति‑रिवाज़

हर शहर में स्थानीय पंचांग के अनुसार अलग‑अलग समय तय होते हैं। दिल्ली में पूजा का प्रारम्भ 2:45 PM से 7:00 PM के बीच होता है, जबकि मुंबई में यह 3:10 PM से 8:30 PM तक रहता है। कुछ छोटे शहरों में सामुदायिक जात‑गोल में दिज़ी‑लेण्ट की प्रक्रिया जारी रहती है, जो आमतौर पर शाम 6 बजे से शुरू होती है।

एक रोचक बात यह है कि उदया तिथि — अर्थात् नया चाँद — 21 अक्टूबर को होगी, परन्तु अमावस्या के साथ साथ पड़ने वाले प्रदोष कारण दीपावली का प्रमुख तिथि 20 अक्टूबर ही रहता है। इस विरोधाभास को कई लोग “पंचवट” कहते हैं, यानी दो तिथियों का मिलन।

विशेषज्ञों की राय व संभावित प्रभाव

विशेषज्ञों की राय व संभावित प्रभाव

ज्योतिषविद् गीता शुक्ला ने बताया कि कार्तिक अमावस्या के साथ प्रदोष का एक साथ प्रयुक्त होना आर्थिक‑व्यापारिक लाभ को बढ़ाता है। उन्होंने कहा, “संयुक्त ग्रह‑स्थिति में निवेश व रियल एस्टेट में सकारात्मक प्रवृत्ति देखी जाएगी।” इसी तरह, आर्थिक विशेषज्ञ अशोक सिंह ने अनुमान लगाया कि ई‑कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म पर बिक्री में लगभग 12‑15 % की वृद्धि हो सकती है, क्योंकि लोग ऑनलाइन नई वस्तुएँ खरीदने को प्राथमिकता देंगे।

धार्मिक दृष्टिकोण से, स्वामी नरेन्द्र दास ने कहा, “प्रकाश‑अंधकार की इस प्रतीकात्मक लड़ाई में जब अमावस्या के साथ प्रदोष भी जुड़ा हो, तो यह घर‑परिवार में सुख‑शांति को द्विगुणित करने की संभावना रखता है।” यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कई परिवार इस साल दीपावली की रौशनी को “व्यवसाय‑व्यापार” के साथ जोड़ेंगे।

आगामी पाँच दिवसीय महापर्व की रूपरेखा

धनतेरस से शुरू होने वाला पाँच दिवसीय महापर्व इस प्रकार रहेगा:

  1. धनतेरस (18 अक्टूबर) – धन‑संपदा की पूजा व शॉपिंग
  2. नरक चतुर्दशी (19 अक्टूबर) – वस्तु‑विनाश व पवित्रता
  3. दीपावली (20 अक्टूबर) – लक्ष्मी‑गणेश की मुख्य पूजा
  4. गोवर्धन पूजा (21 अक्टूबर) – गोकुल‑विषयक रिवाज़
  5. भैयादूज (22 अक्टूबर) – बहन‑भाई के बंधन का उत्सव

इन पाँच दिनों में कई राज्य सरकारें विशेष दिवाली मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेंगी। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में “अवधिया पेज़” मेले में 500 से अधिक किराया‑सज्जा वाले लॉर्ड‑वार्क रूप में दर्शकों के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे। इसी तरह, महाराष्ट्र के पुणे में “डियोजी फेस्ट” आयोजित होगा, जहाँ हस्तशिल्प, संगीत और नृत्य के साथ-साथ स्थानीय व्यंजन का भी भरपूर आनंद मिलेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धनतेरस 2025 का शुभ मुहूर्त कब है?

धनतेरस 2025 की त्रयोदशी 18 अक्टूबर को दोपहर 12:18 बजे शुरू होती है और 19 अक्टूबर को 01:51 बजे समाप्त होती है। नई दिल्ली में प्रमुख पूजा समय शाम 7:16 PM से 8:20 PM के बीच निर्धारित किया गया है।

दीपावली 2025 का मुख्य पूजा‑समय कब है?

मुख्य पूजा दोपहर 2:39 PM से आरंभ होकर रात के अंत तक चलती है। कुम्भ लग्न (2:09 PM‑3:40 PM) को सबसे अनुकूल माना जाता है, जबकि प्रदोष के बाद का समय (सूर्यास्त के बाद) भी विशेष रूप से शुभ है।

कौन‑से शहरों में धनतेरस के अलग‑अलग मुहूर्त हैं?

दिल्ली (7:16‑8:20 PM), चेन्नई (7:28‑8:15 PM), नोएडा (7:15‑8:19 PM) और अहमदाबाद (7:44‑8:41 PM) में अलग‑अलग समय निर्धारित किए गए हैं। प्रत्येक शहर की स्थानीय पंचांग के आधार पर ये समय तय होते हैं।

दीपावली के साथ उदया तिथि कब होगी?

उदया (नया चाँद) 21 अक्टूबर 2025 को रहेगा, परन्तु धर्मशास्त्र के अनुसार मुख्य दीपावली 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी क्योंकि अमावस्या, प्रदोष और निशीथ काल एक ही दिन पड़ते हैं।

इस वर्ष के महापर्व से आर्थिक प्रभाव क्या उम्मीद की जा सकती है?

विशेषज्ञों का मानना है कि ई‑कॉमर्स और रिटेल सेंटरों में 12‑15 % तक की बिक्री वृद्धि हो सकती है। साथ ही, रियल‑एस्टेट और छोटे व्यवसायों को भी इस शुभ समय के कारण सकारात्मक प्रकॉप मिल सकता है।

1 टिप्पणि

  • Image placeholder

    sona saoirse

    अक्तूबर 12, 2025 AT 03:48

    ध्यान रखें कि धनतेरस कॆ दिन सिर्फ़ खरीदारी का बहाना नहीं, इस कॊ शुद्ध अंतःकरण से मनाएं। अग्निकुंड में पूजन की विधि वैदिक ग्रन्थों में स्पष्ट है, इसलिए अत्यधिक व्यय से बचें। यह स्पष्ट है कि लालच पवित्रता को दूषित करता है, इसलिए सीमित बजट में ही रीतिरिवाज करो।
    साथ ही, इस साल के मुहूर्त में सूर्य की स्थिति विशेष रूप से अनुकूल है, परन्तु वह केवल उन लोगों के लिये है जो शुद्ध भावनाओं से पूजा करते हैं। आपसी सहयोग और परोपकार को प्राथमिकता दो, तभी इस त्यौहार की सच्ची आयु बढ़ेगी।

एक टिप्पणी लिखें