विमानन में बम धमकियों का बढ़ता आतंक
भारतीय विमानन कंपनी इंडिगो, एयर इंडिया और विस्तारा इन दिनों बम की नकली धमकियों के बढ़ते मामले से जूझ रही हैं। इन धमकियों ने न केवल यात्रियों के लिए परेशानी खड़ी की है बल्कि एयरलाइन कंपनियों को भी भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा है। सोमवार की रात 30 उड़ानों को धमकी मिलने के बाद, मंगलवार को यह आंकड़ा 50 तक पहुंच गया। पिछले आठ दिनों में इस प्रकार की धमकियों की संख्या 120 से अधिक हो गई है।
इन धमकियों के चलते कई उड़ानों को उनके गंतव्य से अन्यत्र मोड़ दिया गया। तीन सऊदी अरब के जेद्दाह के लिए जा रही इंडिगो की उड़ानों को सुरक्षा संबंधित अलर्ट के कारण अन्य एयरपोर्ट्स पर उतारना पड़ा। जिन उड़ानों का दिशा परिवर्तन किया गया उसमें बेंगलुरु से दोहा, कोझिकोड से रियाद, और दिल्ली से मदीना के लिए जा रही उड़ानें शामिल थीं। अन्य उड़ानों को भी धमकियां मिलीं लेकिन वे अपने गंतव्यों पर सुरक्षित रूप से पहुंच गईं।
सोशल मीडिया पर धमकियों की उत्पत्ति
इन नकली बम की धमकियों का स्रोत मुख्य रूप से नए और अनवैरिफाइड सोशल मीडिया अकाउंट हैं। ये अकाउंट हाल ही में बनाए गए थे और धमकी पोस्ट करने के बाद निलंबित भी हो गए। कई बार तो ऐसी उड़ानों के लिए धमकियां जारी की गई जो या तो पहले ही संचालित हो चुकी थीं या जिनका कोई कार्यक्रम नहीं था।
सरकार का कड़ा रुख
इस तरह की धमकियों से निपटने के लिए सरकार कानूनी ढांचे में बदलाव करने का विचार कर रही है। विमान सुरक्षा नियमों में संशोधन और असामाजिक कृत्यों से सुरक्षा के लिए बने अपेक्षित अधिनियमों में संशोधन की योजना है। उड्डयन मंत्री के रम्मोहन नायडू ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए उनका मंत्रालय, विमान सुरक्षा ब्यूरो और गृह मंत्रालय समन्वय में काम कर रहे हैं।
सुरक्षा उपायों का कड़ा अमल
हालिया घटनाक्रमों के चलते, देश भर के प्रमुख हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है। यात्रियों और उनके सामान की जांच के लिए सुरक्षा जांच के स्तर को और कड़ा कर दिया गया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी प्रकार के संदिग्ध सामानों को उड़ानों में न ले जाया जा सके।
इस स्थिति ने न केवल यात्रियों को असुविधा पहुंचाई है बल्कि उड़ानों के विलंब और पुनर्निर्धारण के कारण एयरलाइंस के वित्तीय नुकसान में काफी वृद्धि हुई है। ऊपरी स्तर पर सुरक्षा उपायों और विधायी कार्रवाई के जरिए इस चुनौती से निपटना आवश्यक हो गया है।
Arun 3D Creators
अक्तूबर 22, 2024 AT 22:50भाई ये बम की धमकी जैसा जॉक्सी सायरन है, हर उड़ान को घुमा-फिरा कर असहज बना रहा है
RAVINDRA HARBALA
अक्तूबर 23, 2024 AT 19:13तुम नहीं समझ रहे कि यह सब साइबर ग्रिफ़िन से है, नमक का दाग है बस
Vipul Kumar
अक्तूबर 24, 2024 AT 17:26सभी यात्रियों को ये याद रखना चाहिए कि कोई भी अनजाना पैकेज संभाल कर नहीं ले जाना चाहिए। एयरपोर्ट पर तेज़ जांच अब सामान्य हो रही है, इसलिए थर्ड पार्टी ऐप्स पर भरोसा कम करना चाहिए। अगर तुम्हें कोई संदिग्ध वस्तु दिखे तो तुरंत सुरक्षा को रिपोर्ट करो। इससे भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।
Priyanka Ambardar
अक्तूबर 25, 2024 AT 12:53भारत की हवाई सुरक्षा को कभी समझ में नहीं आया लोग 😂 आप लोग तो बस भारत को खराब दिखाने की कोशिश में हो
sujaya selalu jaya
अक्तूबर 26, 2024 AT 09:43सुरक्षा उपायों की कड़ाई समझ में आती है, बस थोड़ा धैर्य चाहिए
Ranveer Tyagi
अक्तूबर 27, 2024 AT 06:33भाई साहब, सुरक्षा चेक में देरी से यात्रियों को बहुत नुकसान हो रहा है!!! इसलिए एयरलाइन्स को भी समयबद्ध रूप से ऑपरेशन प्लान करनी चाहिए!!! ये उपाय दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद रहेगा!!!
Tejas Srivastava
अक्तूबर 28, 2024 AT 10:20वाओ!!! आजकल एयरपोर्ट पर जाँच देख कर लगता है जैसे कॉन्सर्ट में फायरवर्क हो रहा हो!!! पर असली डर तो बम नहीं, देर है!!!
JAYESH DHUMAK
अक्तूबर 29, 2024 AT 14:06वर्तमान में भारतीय विमानन सुरक्षा में अचानक बढ़ी बम धमकी ने नियामक निकायों को कई महत्वपूर्ण प्रश्नों के सामने खड़ा कर दिया है। पहला प्रश्न है कि सामाजिक मीडिया पर फर्जी खाता कैसे उत्पन्न हो पा रहा है और उनका ट्रेसिंग कितना प्रभावी है। दूसरा प्रश्न यह है कि हवाई अड्डे पर मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल क्या पर्याप्त हैं या उन्हें उन्नत तकनीक से सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। तीसरा, क्या एयरलाइन कंपनियों को इस प्रकार की घटनाओं के लिए वित्तीय पूरक का अधिकार देना चाहिए, जिससे वे आर्थिक नुकसान से बच सकें। चौथा, कानून में संशोधन की प्रक्रिया कितनी तेज़ होनी चाहिए ताकि नई धमकियों के जवाब में तुरंत कार्रवाई की जा सके। पाँचवाँ, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों और विमानन प्राधिकरणों के बीच समन्वय कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। छठा, यात्रियों को सुरक्षा चेतावनियों के बारे में जागरूक करने के लिए कौन से माध्यम सबसे प्रभावी हैं। सातवाँ, क्या थर्ड पार्टी चेक‑इन्स को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जा सकता है या उनके लिए सख्त मानक लागू किए जाएँ। आठवाँ, एयरपोर्ट पर अतिरिक्त मेटल डिटेक्टर और एक्स‑रे स्कैनर की स्थापना का आर्थिक प्रभाव क्या होगा। नौवाँ, डिजिटल फ़ोरेंसिक टूल्स को लागू करने में क्या कानूनी बाधाएँ हैं। दसवाँ, इस प्रकार की धमकी के बाद यात्रियों के मनोवैज्ञानिक प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है। ग्यारहवाँ, क्या अंतरराष्ट्रीय सहयोग से इस समस्या का समाधान तेज़ी से हो सकता है। बारहवाँ, विमानन कानून में दंडात्मक प्रावधानों को कितना सख़्त किया जाना चाहिए। तेरहवाँ, क्या इस मामले में सार्वजनिक रूप से सूचनाएँ जारी करने की जिम्मेदारी प्रेस को दी जानी चाहिए। चौदहवाँ, भविष्य में संभावित साइबर‑आधारित सुरक्षा खतरे को रोकने के लिए कौन से प्रावधान आवश्यक हैं। अंतिम वाक्य यह है कि भारत को एक समग्र और निरंतर सुरक्षा रणनीति तैयार करनी चाहिए, जिसमें सभी संबंधित पक्षों की सक्रिय भागीदारी हो।
Santosh Sharma
अक्तूबर 30, 2024 AT 17:53भाईयों और बहनों, इस चुनौती को अवसर में बदलें और हर उड़ान को सुरक्षित बनाएं।
yatharth chandrakar
अक्तूबर 31, 2024 AT 21:40सबको याद दिलाना चाहूँगा कि यदि हम सब मिलकर नियमों का पालन करेंगे तो ऐसी परेशानियों से बचा जा सकता है, इसलिए अपने सामान की जांच में सहयोग करें।
Vrushali Prabhu
नवंबर 2, 2024 AT 01:26उड़ान में बम नहीं, बस चाय की कमी है😂
parlan caem
नवंबर 3, 2024 AT 05:13ये सब झंझट सिर्फ पब्लिकिटी के लिए है, कोई असली खतरा नहीं
Mayur Karanjkar
नवंबर 4, 2024 AT 09:00सुरक्षा का दायरा केवल तकनीकी नहीं, सामाजिक भी है
Sara Khan M
नवंबर 5, 2024 AT 12:46फिर भी, लोग लम्बे समय तक इंतजार करते हैं 😑
shubham ingale
नवंबर 6, 2024 AT 16:33चलो, सब मिलके इसे पार करेंगे 😊
Ajay Ram
नवंबर 7, 2024 AT 20:20हवाई सुरक्षा के इतिहास को देखें तो हमें कई बार ऐसे ऐतिहासिक मोड़ मिलते हैं जहाँ समाज ने बड़ी चुनौतियों का सामना किया है। आज की बम धमकी भी उसी श्रृंखला में आती है जहां तकनीकी प्रगति और सामाजिक दायित्व दोनों को संतुलित करना आवश्यक है। हमें यह समझना चाहिए कि प्रत्येक सुरक्षा उपाय का मूल उद्देश्य लोगों की ज़िंदगियों को बचाना है, न कि उन्हें असुविधा में डालना। इसलिए, नियमों को लचीला बनाते हुए भी कड़ा रखना चाहिए। साथ ही, जनता को सही जानकारी देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यदि सभी मिलकर सहयोग करें तो इस समस्या का समाधान निकलेगा। अंत में, हम सभी को अपने देश के आकाश को सुरक्षित रखने में अपना योगदान देना चाहिए।
Dr Nimit Shah
नवंबर 9, 2024 AT 00:06हमारी फ़्लाइट्स को कोई ढीला नहीं कर सकता, सबको इस बात की समझ होनी चाहिए
Ketan Shah
नवंबर 10, 2024 AT 03:53यदि हम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को अपनाएं तो यह समस्या कम हो सकती है
Aryan Pawar
नवंबर 11, 2024 AT 07:40भाई लोग समय पर चेक‑इन करो ताकि लम्बी कतारें ना बनें
Shritam Mohanty
नवंबर 12, 2024 AT 11:26शायद ये सारी धमकी किसी बड़े साजिश का हिस्सा है जो हमारी आज़ादी को कमजोर करने के लिये चल रही है