भारतीय विमानन में बम की धमकियों का खौफ: सुरक्षा उपायों की बढ़ोतरी और कानूनी संशोधन

अक्तू॰, 22 2024

विमानन में बम धमकियों का बढ़ता आतंक

भारतीय विमानन कंपनी इंडिगो, एयर इंडिया और विस्तारा इन दिनों बम की नकली धमकियों के बढ़ते मामले से जूझ रही हैं। इन धमकियों ने न केवल यात्रियों के लिए परेशानी खड़ी की है बल्कि एयरलाइन कंपनियों को भी भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा है। सोमवार की रात 30 उड़ानों को धमकी मिलने के बाद, मंगलवार को यह आंकड़ा 50 तक पहुंच गया। पिछले आठ दिनों में इस प्रकार की धमकियों की संख्या 120 से अधिक हो गई है।

इन धमकियों के चलते कई उड़ानों को उनके गंतव्य से अन्यत्र मोड़ दिया गया। तीन सऊदी अरब के जेद्दाह के लिए जा रही इंडिगो की उड़ानों को सुरक्षा संबंधित अलर्ट के कारण अन्य एयरपोर्ट्स पर उतारना पड़ा। जिन उड़ानों का दिशा परिवर्तन किया गया उसमें बेंगलुरु से दोहा, कोझिकोड से रियाद, और दिल्ली से मदीना के लिए जा रही उड़ानें शामिल थीं। अन्य उड़ानों को भी धमकियां मिलीं लेकिन वे अपने गंतव्यों पर सुरक्षित रूप से पहुंच गईं।

सोशल मीडिया पर धमकियों की उत्पत्ति

इन नकली बम की धमकियों का स्रोत मुख्य रूप से नए और अनवैरिफाइड सोशल मीडिया अकाउंट हैं। ये अकाउंट हाल ही में बनाए गए थे और धमकी पोस्ट करने के बाद निलंबित भी हो गए। कई बार तो ऐसी उड़ानों के लिए धमकियां जारी की गई जो या तो पहले ही संचालित हो चुकी थीं या जिनका कोई कार्यक्रम नहीं था।

सरकार का कड़ा रुख

इस तरह की धमकियों से निपटने के लिए सरकार कानूनी ढांचे में बदलाव करने का विचार कर रही है। विमान सुरक्षा नियमों में संशोधन और असामाजिक कृत्यों से सुरक्षा के लिए बने अपेक्षित अधिनियमों में संशोधन की योजना है। उड्डयन मंत्री के रम्मोहन नायडू ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए उनका मंत्रालय, विमान सुरक्षा ब्यूरो और गृह मंत्रालय समन्वय में काम कर रहे हैं।

सुरक्षा उपायों का कड़ा अमल

हालिया घटनाक्रमों के चलते, देश भर के प्रमुख हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है। यात्रियों और उनके सामान की जांच के लिए सुरक्षा जांच के स्तर को और कड़ा कर दिया गया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी प्रकार के संदिग्ध सामानों को उड़ानों में न ले जाया जा सके।

इस स्थिति ने न केवल यात्रियों को असुविधा पहुंचाई है बल्कि उड़ानों के विलंब और पुनर्निर्धारण के कारण एयरलाइंस के वित्तीय नुकसान में काफी वृद्धि हुई है। ऊपरी स्तर पर सुरक्षा उपायों और विधायी कार्रवाई के जरिए इस चुनौती से निपटना आवश्यक हो गया है।