आंध्र प्रदेश में 2024 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों के परिणामों ने भारतीय राजनीति में भारी उलटफेर कर दिया है। तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य में सत्ता को अपने कब्जे में ले लिया है। TDP गठबंधन, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जन सेना पार्टी शामिल हैं, ने जबरदस्त सफलता हासिल की है। कुल 175 विधानसभा सीटों में से 150 पर और 25 लोकसभा सीटों में से 21 पर यह गठबंधन निर्णायक बढ़त बनाए हुए है। इस जीत ने 2019 के चुनाव नतीजों को पलट कर रख दिया है, जिसमें YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने बड़ी जीत हासिल की थी।
इस जीत के साथ ही चंद्रबाबू नायडू एक बार फिर से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। नायडू, जिन्हें पिछली सरकार के दौरान आंध्र प्रदेश CID ने एक कथित घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था, ने राजनीतिक मंच पर शानदार वापसी की है। उनकी इस सफलता ने उनके समर्थकों में नई ऊर्जा का संचार किया है। नायडू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं ने उनकी इस जीत पर बधाई दी है।
YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के नेतृत्व में मौजूदा मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने हार स्वीकार कर ली है और विजेता गठबंधन को बधाई दी है। इस चुनावी परिणाम ने राज्य के राजनीतिक समीकरणों को नया आयाम दिया है। TDP की यह जीत YSRCP के लिए एक बड़ा झटका है, जिन्होंने 2019 में पुराने चुनावों में भारी जीत के साथ सत्ता संभाली थी।
इस चुनावी परिणाम का राष्ट्रीय राजनीति पर भी गहरा असर पड़ने की संभावना है। TDP की इस महत्वपूर्ण जीत के बाद चंद्रबाबू नायडू और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच संबंध और मजबूत हो सकते हैं, जिससे केंद्र में सरकार बनाने में सहायता मिल सकती है। नायडू, जो पहले भी केंद्रीय राजनीति में प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं, अब एक बार फिर से भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण घटक बन गए हैं।
इस बार के चुनावों में TDP को जनता का व्यापक समर्थन मिला है, जिसका असर सीधे तौर पर उनके चुनाव परिणामों पर दिखता है। लोगों ने YSR कांग्रेस पार्टी की तुलना में TDP को अधिक विश्वास व्यक्त किया है। गठबंधन की सरकार ने विकास कार्यों और जनहित कार्यक्रमों को प्राथमिकता देने का वादा किया है, जो कि शायद इस भारी जीत का एक मुख्य कारण भी हो सकता है।
आंध्र प्रदेश की राजनीति में इस भारी परिवर्तन से राज्य में राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद की जा सकती है। चुनाव परिणामों ने यह साफ कर दिया है कि जनता ने न केवल TDP बल्कि उनके सहयोगी पार्टियों BJP और जन सेना पार्टी पर भी विश्वास जताया है। यह गठबंधन अब बेहतर प्रशासन और विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की दिशा में काम करेगा।
analysts का मानना है कि इस चुनावी परिणाम का देश की राजनीति पर व्यापक प्रभाव हो सकता है। चंद्रबाबू नायडू की यह वापसी न केवल आंध्र प्रदेश की राजनीति को, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को भी नई दिशा में ले जा सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में यह गठबंधन कैसे कार्य करेगा और मोदी सरकार के साथ उनके संबंध किस प्रकार विकसित होंगे।